नई दिल्ली: विपक्ष मणिपुर (Manipur) के मुद्दे पर संसद में सरकार को घेर रहा है. विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के सांसद सरकार से जवाब मांग रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि वह चर्चा से भाग रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने बुधवार को विपक्ष की इस शिकायत को दूर किया और लोकसभा में मणिपुर हिंसा की पूरी जानकारी (Complete details of Manipur violence) दी. अमित शाह ने इस दौरान विपक्ष को घेरते हुए कहा कि मणिपुर में जो घटना हुई है वो शर्मनाक है, लेकिन उसपर राजनीति करना और भी शर्मनाक है.
अमित शाह ने कहा, एक भ्रांति देश मै फैलाई गई है कि ये सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहती है. हम पहले दिन से चर्चा को तैयार थे. आप चर्चा को तैयार ही नहीं थे. आप को ये लगता है कि हंगामा करके हमें चुप कर देंगे. आप ऐसा नहीं कर सकते. इस देश की 130 करोड़ जनता ने हमें चुनकर भेजा है. गृह मंत्री ने कहा कि 6 साल में मणिपुर में एक भी दिन कर्फ्यू नहीं था. एक भी दिन बंद नहीं रहा. मणिपुर में 6 साल से बीजेपी का शासन है. 2023 में दंगा हुआ. 2022 से हमने फेंसिंग चालू की. 2023 में हमने थंब इम्प्रेशन और आई इम्प्रेशन लेकर भारत की वोटर आईडी में डालने का कार्य शुरू किया.
अमित शाह ने कहा कि 29 अप्रैल को एक अफवाह फेल गई कि शरणार्थियों के स्थान को गांव घोषित कर दिया गया, जिससे तनाव शुरू हुआ. हाई कोर्ट ने मैतई को ST का दर्जा देने का फैसला दिया. मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले ने आग में तेल डालने का काम किया. अमित शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने मुझे रात को 4 बजे कॉल किया है और सुबह 6 बजे मुझे उठाया भी है. और ये लोग (विपक्ष) कहते हैं कि प्रधानमंत्री ध्यान नहीं रखते.
4 मई के वीडियो पर अमित शाह ने कहा कि वो वीडियो संसद सत्र के एक दिन पहले क्यों आया. उस वीडियो को सोशल मीडिया पर क्यों डाला गया. पुलिस को क्यों नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि मैं मणिपुर के लोगों से अपील करता हूं कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है. मैं कुकी और मैतई समुदायों से बात कर रहा हूं और अनुरोध करता हूं कि वे भारत सरकार से बात करें और अफवाहों से दूर रहें. गृह मंत्री ने कहा कि दंगे पहले भी हुए हैं पर हमने दंगों को किसी पार्टी से नहीं जोड़ा है. न कभी किसी गृह मंत्री को दंगों पर जवाब देने से रोका है. न ही सदन की कार्यवाही प्रभावित की है.
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