चेन्नई । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Tamil Nadu) एम.के.स्टालिन (MK Stalin) ने केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) से अमूल (Amul) को आविन के मिल्क-शेड क्षेत्र से (From Milk-shed Area of Aavin) दूध नहीं खरीदने (Not to Buy Milk) का निर्देश देने की (To Direct) अपील की (Appealed) ।
स्टालिन ने कहा कि कैरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ यानि अमूल तमिलनाडु कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड या आविन के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है। स्टालिन ने अमूल द्वारा कृष्णगिरी जिले में चिलिंग सेंटर और एक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने और राज्य में कृष्णागिरी, धर्मपुरी, वेल्लोर, रानीपेट, तिरुपथुर, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर और उसके आसपास दूध खरीदने की योजना का उल्लेख किया।
स्टालिन ने कहा, भारत में यह एक परंपरा रही है कि सहकारी समितियों को एक-दूसरे के मिल्क-शेड क्षेत्र का उल्लंघन किए बिना फलने-फूलने दिया जाए। इस तरह की क्रॉस-प्रोक्योरमेंट ‘ऑपरेशन व्हाइट फ्लड’ की भावना के खिलाफ है और मौजूदा दूध की कमी को देखते हुए उपभोक्ताओं के लिए समस्याएं बढ़ाएंगी। आविन के मिल्कशेड क्षेत्र का अमूल उल्लंघन कर रहा है, जिसे दशकों से सच्ची सहकारी भावना से पोषित किया गया है। यहां तक कि राज्य में कई निजी डेयरी आविन के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, स्टालिन ने कहा कि ऐसे में अमूल के कदम से दूध और दूध उत्पादों की खरीद और विपणन में लगी सहकारी समितियों के बीच खराब प्रतिस्पर्धा पैदा होगी।
स्टालिन ने कहा, क्षेत्रीय सहकारी समितियां राज्यों में डेयरी विकास की रीढ़ रही हैं और वे उत्पादकों को शामिल करने और उनका पोषण करने और मनमानी मूल्य वृद्धि से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने कहा कि अमूल आंध्र प्रदेश के श्रीसिटी में एक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित कर रहा है और तमिलनाडु में प्रतिदिन लगभग 30,000 लीटर दूध खरीदने का उसका लक्ष्य है।
पीएमके नेता ने कहा कि तमिलनाडु में आविन की बाजार हिस्सेदारी केवल 16 फीसदी है और अगर अमूल राज्य के दूध बाजार में प्रवेश करता है तो यह और नीचे जाएगा। रामदास ने कहा कि अमूल लगभग 36 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर दूध खरीद रहा है जबकि आविन लगभग 32-34 रुपये प्रति लीटर का भुगतान कर रहा है। आविन को अपना दूध खरीद मूल्य बढ़ाना चाहिए।
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