शिलॉन्ग। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पूर्वोत्तर को दुनिया के नक्शे पर आगे बढ़ाने और क्षेत्र में प्रगति और समृद्धि लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। शाह ने शिलॉन्ग में उत्तर पूर्वी परिषद के 69वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे वह प्राकृतिक सुंदरता हो या समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इस क्षेत्र में हमारे देश का एक बड़ा पर्यटन केंद्र बनने की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, “जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने शुरुआत में कहा कि भारत का विकास पूर्वोत्तर के विकास में निहित है। दशकों से जिस क्षेत्र की उपेक्षा की गई थी, वह प्रधानमंत्री मोदी के तहत अभूतपूर्व शांति और विकास का गवाह है। गृहमंत्री ने कहा कि आजीविका को बढ़ाने से लेकर कई विकास परियोजनाएं लाने तक एनईसी ने क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जो परिषद के उपाध्यक्ष भी हैं, ने ऊपरी शिलॉन्ग में हेलीपैड पर शाह की अगवानी की।
राज्यपाल जगदीश मुखी और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा के साथ ही छह अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों ने क्षेत्रीय योजना निकाय एनईसी के महत्वपूर्ण पूर्ण सत्र में हिस्सा लिया। इसमें केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ ही असम और मिजोरम के मंत्रियों और अधिकारियों ने भी भाग लिया। एनईसी के अधिकारी के अनुसार, एनईसी की बैठक में विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी और आठ पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भविष्य की योजनाओं और परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। एनईसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गृहमंत्री ने संबंधित पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से अंतर-राज्यीय सीमा विवादों को सुलझाने के लिए कहा है।
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