नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) अमित शाह ने मंगलवार को घुसपैठ की समस्या से सख्ती से निपटने के लिए जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली असम सरकार की प्रशंसा की वहीं आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार इस समस्या से निपटने में केंद्र का सहयोग नहीं कर रही है. असम में हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) घुसपैठ की समस्या को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एक अन्य कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि जल्द ही पूरे असम से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को हटा लिया जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्री असम के दो दिवसीय दौरे पर हैं.
रैली में गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने दावा किया कि घुसपैठ की समस्या से निपटने में ‘‘बंगाल की सरकार केंद्र के साथ सहयोग नहीं कर रही है.”उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी ओर, असम सरकार केंद्र के साथ पूरी तरह से खड़ी है और समस्या से मजबूती से लड़ रही है. परिणामस्वरूप घुसपैठ में उल्लेखनीय कमी आई है.”
गृह मंत्री ने सोमवार को असम के मनकाचर स्थित भारत-बांग्लादेश (India-Bangladesh) सीमा के दौरे का उल्लेख किया और कहा, ‘‘सारे आंकड़े बताते हैं कि असम में घुसपैठ की घटनाओं में बहुत ज्यादा कमी आई है. कुछ समय के बाद ये घुसपैठ पूरी तरह से बंद हो जाएगी.” असम के रास्ते बांग्लादेश में पहले बड़े पैमाने पर होने वाली पशु तस्करी का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि असम सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि पशु तस्करों के लिए राज्य के सभी दरवाजे बंद कर दिए जाएं.
असम पुलिस को मंगलवार को ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ (राष्ट्रपति के ध्वज) से सम्मानित करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उम्मीद जताई कि जल्द ही पूरे असम से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को हटा लिया जाएगा, क्योंकि बेहतर कानून-व्यवस्था और उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौते के कारण पहले ही राज्य से इसे आंशिक रूप से हटा दिया गया है. सुरक्षा स्थितियों में सुधार के मद्देनजर केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में आफस्पा के तहत आने वाले अशांत क्षेत्रों को धीरे-धीरे घटाना शुरू किया है.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के प्रयासों के कारण अधिकतर उग्रवादी संगठनों ने शांति समझौता किया है और ‘‘वह दिन भी अब दूर नहीं जब पूरा राज्य उग्रवाद और हिंसा से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा.”अमित शाह ने कहा, ‘‘सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को 23 जिलों से पूरी तरह और एक जिले से आंशिक रूप से हटा दिया गया है. मुझे विश्वास है कि पूरे राज्य से इसे जल्द ही हटा दिया जाएगा.” गृह मंत्री ने कहा कि जो लोग आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आए हैं, उनके पुनर्वास के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें काम कर रही हैं.
शाह ने कहा, ‘‘असम पुलिस का एक गौरवशाली इतिहास रहा है. इसने उग्रवाद, सीमा संबंधी मुद्दों, हथियारों, मादक पदार्थ और मवेशियों की तस्करी, गैंडों का शिकार और जादू टोना जैसे सामाजिक मुद्दों से निपटने में सफलता प्राप्त की है और अब वह देश के अग्रणी पुलिस बलों में से एक के रूप में उभर रहा है.” उन्होंने कहा कि यह ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ के सही हकदार हैं.
इससे पहले, शाह ने यहां अलंकरण परेड समारोह में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत की उपस्थिति में राज्य पुलिस को यह सम्मान दिया. ध्वज पर असम के नक्शे, यहां के जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 36 सितारे, एक सींग वाले गैंडे और असम पुलिस की आदर्श पंक्ति तथा प्रतीक चिन्ह अंकित है.
असम देश का 10वां राज्य है, जिसे ‘प्रेसीडेंट्स कलर’ से सम्मानित किया गया है. शांति और युद्ध के दौरान राष्ट्र की अनुकरणीय सेवा के लिए किसी भी सैन्य या पुलिस इकाई को दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान है.
असम में बीजेपी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को यहां एक पौधा भी लगाया. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इस गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.
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