श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने एक उच्चस्तरीय बैठक ली। जिसमें जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति (Security situation in Jammu and Kashmir) की समीक्षा की। बैठक में गृह मंत्री ने सुरक्षा ग्रिड को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिए ताकि सीमा-पार से घुसपैठ शून्य हो और आतंकवाद का उन्मूलन हो सके।
अमित शाह ने बैठक में सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की, जिससे पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, आतंकी घटनाएं 2018 में 417 से घटकर 2021 में 229 हो गई हैं, जबकि सुरक्षा बलों के शहीद हुए कर्मियों की संख्या 2018 में 91 से कम होकर 2021 में 42 हो गई है।
डोभाल भी हुए शामिल
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा ली गई बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल तथा जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सेना सहित भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
गौरतलब है कि घाटी में आतंकी वारदातों पर नकेल कसने की चौतरफा कोशिश चल रही है। सुरक्षाबल और स्थानीय पुलिस के साझा अभियान में आतंकियों का जमीनी नेटवर्क तोड़ने में काफी सफलता मिली है। ओवर ग्राउंड वर्कर बड़ी संख्या में पकड़े गए हैं, जिससे आतंकियों को साजो-सामान पहुंचाने और उन्हें अन्य मदद मुहैया कराने वाला नेटवर्क भी कमजोर पड़ा है।
स्थानीय जांच एजेंसी के गठन के बाद से आतंकी और कट्टरपंथी गुटों के खिलाफ कार्रवाई में भी तेजी आई है। स्थानीय इनपुट और सहयोग से केंद्रीय एजेंसियों की जांच प्रक्रिया भी मजबूत हुई है। सूत्रों का कहना है कि सीमा पर मजबूत ग्रिड की वजह से घुसपैठ रोकने में काफी मदद मिली है। अब कोशिश है कि इसे पूरी तरह से अभेद्य बनाकर घुसपैठ की संभावनाओं को पूरी तरह खत्म किया जाए।
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