नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के जम्मू-कश्मीर दौरे (Jammu Kashmir Visit) का आज दूसरा दिन है. सूत्रों की मानें तो आज अमित शाह राजौरी (Rajouri) की जनसभा में जम्मू-कश्मीर के एक बड़े तबके पहाड़ी समुदाय को बड़ी सौगात दे सकते हैं. बताया जा रहा है कि वह पहाड़ी समुदाय को एसटी स्टेटस दिए जाने की कई साल से चली आ रही मांग पर बड़ा ऐलान कर सकते हैं. यदि ऐसा हुआ तो यह फैसला भाजपा के लिए मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, जो आने वाले विधान सभा चुनाव में भाजपा (BJP) को बड़ा फायदा पहुंचा सकता है.
बीजेपी को मिल सकता है फायदा
माना जा रहा है कि अगर पहाड़ी समुदाय को एसटी का स्टेटस मिलता है तो यह भारतीय जनता पार्टी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. दरअसल पहाड़ी समुदाय जम्मू कश्मीर के करीब 5 जिलों में प्रभाव रखते हैं, जबकि करीब 10 ऐसी विधानसभा सीटें हैं जो सीधे तौर पर इनसे प्रभावित होती हैं. ऐसे में इस फैसले का असर आने वाले विधानसभा चुनाव में पड़ेगा और बीजेपी को सीधा फायदा मिल सकता है.
हो सकता है नुकसान भी
एक तरफ पहाड़ी समुदाय को एसटी घोषित करने से बीजेपी को फायदा होने की उम्मीद है तो दूसरी तरफ इस फैसले से नुकसान भी पहुंच सकता है. दरअसल, वहां एसटी स्टेटस वाली कई जातियां खासकर गुर्जर व बकरवाल इसके खिलाफ खड़े हो सकते हैं. इसीलिए गृहमंत्री अमित शाह इन समुदाय के प्रमुख लोगों से अलग-अलग मुलाकात करने पर विचार कर रहे हैं.
लंबे समय से चल रही है मांग
मालूम हो कि पहाड़ी बोलने वाली करीब 4 लाख से ज्यादा आबादी 1965 से इस बात की मांग कर रही है कि उन्हें एसटी स्टेटस दिया जाए. सूत्रों की मानें तो 1965 में जम्मू कश्मीर सरकार की तरफ से एसटी स्टेटस दिए जाने के लिए कई जातियों की लिस्ट तैयार कर भारत सरकार को भेजी गई थी, जिसमें गुर्जर, बकरवाल व अन्य जातियां शामिल थीं. उस समय कांग्रेस की सरकार थी.
सरकार ने गुर्जर, बकरवाल समेत अन्य जातियों को स्टेटस दे दिया, लेकिन पहाड़ी बोली बोलने वाले एक बड़े समाज को इससे अलग रखा गया और तब से ये लोग लगातार एसटी स्टेटस दिए जाने की मांग कर रहे हैं. धारा 370 हटाने के बाद पहाड़ी समाज को लेकर ओबीसी कमीशन गठित किया गया था. सूत्रों की मानें तो कमीशन ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौप दी है और इसमें उन्हें एसटी स्टेटस दिए जाने की सिफारिश की है.
ऐसा रहेगा अमित शाह का आज का शेड्यूल
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