तिरूवनंतपुरम । केरल (Kerala) में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के नाम पर होने जा रही नौका दौड़ प्रतियोगिता (boat race competition) को देखने के लिए राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को न्योता दिया गया है। राज्य की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार की ओर से अमित शाह को न्योता दिए जाने के फैसले को लेकर कांग्रेस ने आलोचना के साथ-साथ आपत्ति भी जताई है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री को दिए गए न्योते से मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की साम्प्रदायिक ताकतों के प्रति वफादारी और भारतीय जनता पार्टी के प्रति उनके प्रेम का खुलासा होता है। वहीं, राज्य सरकार ने अपने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि शाह को दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार सितंबर को अलप्पुझा के पुन्नामाडा झील में होने वाले कार्यक्रम को देखने के लिए न्योता दिया गया है।
राज्य सरकार ने कहा कि वे लोग एक दिन पहले 30वें दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए राज्य में होंगे। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के. सुधाकरन ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या पार्टी के पोलित ब्यूरो के कहने पर संघ परिवार के नेताओं को माकपा की केरल इकाई द्वारा इतना महत्व दिया गया है।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के फैसले को आपत्तिजनक बताया
सुधाकरन ने एक बयान में कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू का सर्वाधिक अपमान और नजरअंदाज करने वालों को उनके (नेहरू के) नाम पर रखी गई नौका दौड़ प्रतियोगिता को देखने के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर न्योता देने का मुख्यमंत्री का फैसला आपत्तिजनक है।’ वहीं, आपत्तियों को खारिज करते हुए एक सरकारी सूत्र ने कहा कि शाह को न्योता देने में कुछ भी गलत नहीं है जो दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की तीन सितंबर को यहां प्रस्तावित बैठक में शामिल होने के लिए राज्य में होंगे।
कई राज्य के मुख्यमंत्रियों को भी न्योता
सूत्र ने कहा कि राज्य सरकार ने न सिर्फ शाह को, बल्कि तमिलनाडु और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों सहित दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी न्योता दिया है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को अमित शाह को न्योता देने का कारण स्पष्ट करना चाहिए। देश की आजादी के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के 1952 में कुट्टानाड के दौरे के उपलक्ष्य में नौका दौड़ प्रतियोगिता को उनका नाम दिया गया।
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