गुवाहाटी (Guwahati) । मणिपुर हिंसा (manipur violence) का जिम्मेदार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने हाईकोर्ट (High Court) के एक आदेश को बता दिया है। खास बात है कि वह पूर्वोत्तर राज्य में हुई हिंसा पर पहली बार सार्वजनिक तौर पर बोल रहे थे। उन्होंने जनता से शांति की अपील की है और राज्य के दौरे का वादा किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश को गलत बता चुका है। दरअसल, हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति यानी ST दर्जा देने के लिए राज्य सरकार से सिफारिश दाखिल करने के लिए कहा था।
असम के गुवाहाटी पहुंचे शाह ने कहा, ‘मणिपुर में एक अदालत के जजमेंट के कारण कुछ झड़प हुई हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मणिपुर में मेरी सभी भाइयों और बहनों से अपील है कि 6 सालों से हम आगे बढ़ रहे हैं। एक बार भी बंद नहीं हुआ, कोई ब्लॉक नहीं हुआ। अदालत के एक आदेश के कारण हुए मतभेद को हम बातचीत और शांति से सुलझा लेंगे। नरेंद्र मोदी सरकार की यह नीति है कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा।’
जल्द मणिपुर आने का वादा
शाह ने असम के कामरूप जिले के चांगसारी क्षेत्र में स्थापित होने वाले राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के दसवें राष्ट्रीय परिसर का शिलान्यास करते हुए कहा कि विवाद के समाधान में मदद के लिए वह मणिपुर का दौरा करेंगे।
जानकारी के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘मैं जल्द ही मणिपुर जाऊंगा और वहां तीन दिन रहूंगा, लेकिन उससे पहले दोनों गुटों को आपस में अविश्वास और संदेह दूर करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में शांति बहाल हो।’ शाह ने कहा, ‘केंद्र यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य में हुई झड़पों में पीड़ित सभी लोगों को न्याय मिले, लेकिन लोगों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करनी चाहिए।’
कैसे भड़की हिंसा
3 मई को मैतेई समुदाय की ST मांग के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर की तरफ से निकाले गए एकता मार्च के बाद हिंसा भड़क गई थी। खास बात है कि उस दौरान राज्य का कुकी बहुल इलाकों में भी मणिपुर सरकार के खिलाफ तनाव बढ़ रहा था। आंकड़े बताते हैं कि हिंसा में कम से कम 75 लोगों की मौत हो गई है। गुरुवार को गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय और भारतीय जनता पार्टी के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा इंफाल पहुंचे थे।
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