बेंगलुरु । कर्नाटक में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) में बीजेपी के लिए 150 सीटों का लक्ष्य तय करने के ठीक एक महीने बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) देर रात बेंगलुरु पहुंचे.
दरअसल, इस बार उनका दौरा राज्य में संभावित नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार की अटकलों के बीच हो रहा है. शाह के बेंगलुरु पहुंचने पर उनकी आगवानी एचएएल हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई (Karnataka CM Basavaraj Bommai), उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और अन्य की ने की.
बतादें कि अमित शाह ने पिछली बार कर्नाटक का दौरा एक अप्रैल को किया था और प्रदेश बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा लिया था. उस दौरान पार्टी के लिए लक्ष्य तय किया गया था और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने के तरीके और अन्य दलों के नेताओं को शामिल करने पर चर्चा की गई थी. विधानसभा चुनाव से एक साल से भी कम समय पहले हो रहे शाह के इस दौरे को मोटे तौर पर आधिकारिक दौरा ही माना जा रहा है. इस दौरे में शाह द्वारा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा सहित अन्य नेताओं से मिलकर पार्टी की चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने की संभावना है.
बताया जा रहा है कि आज नेता बोम्मई के आवास पर दोपहर के भोजन पर मिलेंगे और उसके बाद शाम को पार्टी के राज्य मुख्यालय में नेताओं की मुलाकात होगी. येदियुरप्पा ने शिमोगा में संवाददाताओं से कहा, वह (शाह) आ रहे हैं. मैं उनसे मुलाकात करूंगा. वह राज्य की राजनीतिक स्थिति जानने की कोशिश करेंगे. राज्य में चुनाव होने हैं, प्रधानमंत्री और अमित शाह ने कर्नाटक को प्राथमिकता देने का फैसला किया है. वह संभवत: 150 सीटों के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सुझाव देंगे जो हमने अगले विधानसभा चुनाव के लिए तय किया है.
इसके साथ ही अमित शाह के मंगलवार को खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल में सम्मान समारोह में शामिल होने सहित कई कार्यक्रम निर्धारित है. वह 12वीं सदी के समाज सुधारक व लिंगायत संत बसवन्ना को भी बसावा जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में लिंगायत को प्रभावशाली समुदाय और बीजेपी का मजबूत वोट बैंक माना जाता है. माना जा रहा है कि बोम्मई पर विधानसभा चुनाव से पहले अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने या विस्तार करने को लेकर दबाव है और उन्होंने पहले ही संकेत दिया है कि शाह के इस दौरे के दौरान वह इस मुद्दे पर चर्चा करने की कोशिश करेंगे.
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