कोलकाता। पार्टी दिग्गजों के दौरे के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सत्ता हासिल करने की कोशिशों में लगी हुई है। इस दौरान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेताओं के इस्तीफे के बाद दो सांसद और तीन विधायकों ने फिर बनर्जी की चिंता बढ़ा दी है। साउथ 24 परगना के ये नेता पैलन में हुई सीएम की बैठक से गायब रहे। इन सांसद-विधायकों को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, बीजेपी ये कह चुकी है कि अब वे टीएमसी नेताओं के पार्टी में शामिल होने की प्रक्रिया पर रोक लगा रहे हैं।
सांसद मिमी चक्रवर्ती और प्रतिमा मंडल समेत विधायक जीवन मुखर्जी, देवश्री रॉय और मंटूराम पखीरा गुरुवार को पार्टी बैठक से गायब रहे। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। खास बात है कि बीते गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और सीएम बनर्जी ने एक साथ रैलियां की थीं। बीजेपी ने राज्य में चुनाव से महीनों पहले ही अपनी सक्रियता बढ़ानी शुरू कर दी थी। शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने टीएमसी नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘हम बीजेपी को तृणमूल की बी-टीम में नहीं बदलना चाहते। हम उन तृणमूल नेताओं को बीजेपी में नहीं चाहते, जिनकी छवि खराब है या गैर-कानूनी गतिविधियों में जुड़े हुए हैं। इसलिए हम बड़े स्तर पर पार्टी में सदस्यता नहीं देंगे।’ उन्होंने यह साफ किया है कि अब पार्टी में नेता जांच के बाद ही शामिल किए जाएंगे।
हाल ही में, डायमंड हार्बर विधायक दीपक हलदर, पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी, टॉलीवुड अभिनेता यश दासगुप्ता, हीरन चटर्जी के अलावा करीब आधा दर्जन एक्टर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। दो बार के टीएमसी विधायक चिरनजीत चक्रवर्ती ने भी सीएम बनर्जी को पत्र के जरिए पार्टी छोड़ने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर पार्टी उन्हें चुनाव में नहीं उतारेगी, तो वे राजनीति छोड़ देंगे। 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए इस साल अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।
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