नई दिल्ली (New Delhi)। पाकिस्तान ने सरबजीत सिंह(Pakistan Sarabjit Singh) के हत्यारे (murderers)अमीर सरफराज तांबा (ameer sarfaraz copper)की मौत का आरोप भारत (blame india)पर ही लगा दिया है। हाल ही में पाकिस्तान (Pakistan)के एक मंत्री ने दावा किया है कि भारत पर चार हत्याओं में शामिल होने का शक है और जांच चल रही है। खबरें हैं कि दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने तांबा पर गोलियां चला दी थीं। फिलहाल, पंजाब सरकार ने इस केस को पुलिस के काउंटर टैरेरिज्म डिपार्टमेंट को रेफर कर दिया है।
मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने सोमवार को कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को शक है कि तांबा की हत्या में भारत भी शामिल हो सकता है। भारतीय कैदी की हत्या के मामले में उसे 2013 में बरी कर दिया गया था। कहा जाता है कि तांबा लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद का भी करीबी था।
लाहौर में एक प्रेस वार्ता के दौरान नकवी ने कहा कि मोटरसाइकिल सवार दो लोगों की तरफ से सरफराज पर हुए हमले में एक पैटर्न है। उन्होंने कहा, ‘भारत पर (पाकिस्तान की धरती पर) चार और हत्याओं में शामिल होने का शक है। हम आगे कुछ भी कहने के लिए जांच पूरी होने का इंतजार करेंगे।’ फिलहाल, भारत सरकार की ओर से इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
तांबा और उसके कथित साथी मुदस्सर मुनीर ने अप्रैल 2013 में कोट लखपत जेल में सिंह पर ईंट और लोहे की छड़ों से हमला कर दिया था। भारत में 2001 में संसद भवन पर हमले के दोषी पाए गए अफजल गुरु को सजा-ए-मौत दिए जाने के दो महीने बाद सिंह को मार दिया गया था।14 दिसंबर 2018 को लाहौर के सत्र न्यायालय ने सभी गवाहों की तरफ से बयान वापस लिए जाने के बाद तांबा और मुनीर को सिंह की हत्या के आरोपों से बरी कर दिया था और रिहाई के आदेश दिए थे।
पाकिस्तान का दावा, अमीर सरफराज तांबा जिंदा है
पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना को नाटकीय मोड़ देते हुए सोमवार को दावा किया कि तांबा अब भी जीवित है। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के करीबी सहयोगी तांबा पर यहां सनंत नगर स्थित उसके आवास पर मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने हमला किया। गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया था जहां उसने दम तोड़ दिया।
लाहौर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ऑपरेशंस’ सैयद अली रजा ने बताया कि तांबा अब भी जीवित है, लेकिन गंभीर रूप से घायल है। एसएसपी के बयान के बारे में लाहौर पुलिस के प्रवक्ता फरहान शाह से बात की तो उन्होंने इस मामले को संवेदनशील बताते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि एसएसपी रजा ने यह नहीं बताया कि अगर तांबा जीवित है तो उसे ‘चिकित्सा उपचार’ के लिए कहां स्थानांतरित किया गया है।
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