मुंबई: महाराष्ट्र के बीड जिले के केज-लातूर और अहमदनगर-अहमदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओबीसी समाज के लोगों के सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. ये लोग ओबीसी कोटे से माराठा आरक्षण देने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इसे लेकर एआईएमआईएम के चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है.
हैदराबाद के सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “चुनाव के दौरान मोदी कहते थे कि ओबीसी, एससी, एसटी समाज के आरक्षण को मुसलमानों से खतरा है. ओबीसी और मराठा समाज के बीच, आरक्षण को लेकर आज तनाव बन चुका है क्योंकि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तक सीमित कर दी गई है. भारत के अल्पसंख्यक, पिछड़ों, अतिपिछड़ों को सूखी रोटी के लिए लड़ाया जा रहा है और मलाई कोई और खा रहा है. आने वाले पार्लिमानी सेशन (संसद सत्र) में 400-पार सरकार को संशोधन ला कर 50 फीसदी सीमा को खत्म करना चाहिए.”
पटना हाईकोर्ट की ओर से बिहार में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दिये जाने वाले आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी किए जाने के फैसले को रद्द किया गया था. इसके बाद अब महाराष्ट्र में मराठा और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है. ओबीसी समाज के लोग यहां मनोज जरांगे की मसौदा अधिसूचना को अमल में लाने की मांग का विरोध कर रहे हैं.
महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र में 21 जून को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे अन्य पिछड़ा वर्ग कार्यकर्ता लक्ष्मण हेके और मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे-पाटिल के बीच मराठा आरक्षण और ओबीसी के विरोध-प्रदर्शन के मुद्दे पर नोकझोंक हुई थी.
मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार पर मराठा और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार में 8-9 लोग हैं, जो मराठा समुदाय से ‘नफरत’ करते हैं और उनके नाम ‘सही’ समय पर सार्वजनिक होंगे.
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