भोपाल। देश में कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस (New Variants Delta Plus) से तीसरी लहर (Third Wave) का खतरा फिर से मंडराने लगा है। इस बीच मप्र सरकार (MP Government) ने रविवार का लॉकडाउन (Lockdown) भी खत्म कर दिया है। अब प्रदेश में प्रतिदिन सभी तरह की व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो सकेंगे। सरकार ने यह फैसला कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के पूरी तरह से नियंत्रण होने आने के बाद लिया है। प्रदेश में संक्रमण (Infection) दर सिर्फ 0.1 प्रतिशत रह गई है। हालांकि सरकार का दावा है कि तीसरी लहर (Third Wave) से बचाव के लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
(Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है प्रदेश में 927 एक्टिव केस बचे हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि कोरोना अब नियंत्रण में है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) देश में 31 वें नम्बर पर है। सात दिन की पॉजिटिविटी (Positivity) दर 0.1 प्रतिशत है। इस स्थिति के बाद भी प्रदेश में कोरोना (Corona) के टेस्ट कम नहीं होने दिये जायेंगे। प्रतिदिन 80 हजार टेस्ट आवश्यक रूप से किए जाएंगे।
तीसरी लहर के कारणों को समाप्त करना है हमारा लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी लहर की संभावना खत्म नहीं हुई है। अत: लगातार सतर्क रहने के लिए अधिक से अधिक टेस्ट आवश्यक हैं। प्रदेश के कोने-कोने में टेस्टिंग और ट्रेसिंग से तत्काल संक्रमण की पहचान और उस पर नियंत्रण संभव होगा। हमारा प्रयास यह हो कि हम संक्रमण के प्रत्येक प्रकरण के कारणों की पहचान करें। इससे सभी सावधानी बरती जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तीसरी लहर के कारणों को समाप्त करना हमारा लक्ष्य होगा।
म्यूकर माइकोसिस के इलाज में परिवारों को राहत देना जरूरी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि म्यूकर माइकोसिस का इलाज बहुत महंगा है। गरीब तथा मध्यम वर्गीय परिवारों को इलाज के आर्थिक बोझ से बचाना जरूरी है। अत: शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में म्यूकर माइकोसिस के इलाज की श्रेष्ठ व्यवस्था की जाये। समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान में म्यूकर माइकोसिस के 532 मरीज मेडिकल कॉलेजों में और 200 मरीज निजी अस्पतालों में उपचाररत हैं।
बीमारी में मरीज का सहयोग जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंसर जैसी गंभीर और अधिक खर्च वाली बीमारियों में मरीज और उसके परिवार को आर्थिक राहत और भावनात्मक संबल देने के लिए आवश्यक मेकेनिज्म विकसित किया जाए। कोरोना संक्रमण के मरीजों के इलाज,उनकी स्थिति, आवश्यक व्यवस्था और उन्हें सहयोग देने आदि की प्रतिदिन समीक्षा की गई। पीडि़त मरीजों और परिवारों को राहत प्रदान की गई। इसी प्रकार किडनी की समस्या, बायपास सर्जरी, थैलेसीमिया जैसी गंभीर और खर्चीली बीमारियों से ग्रस्त मरीजों और परिवारों की नियमित मानीटरिंग की व्यवस्था स्थापित की जाए और उन्हें सहयोग प्रदान किया जाये।
30 फीसदी मप्र वैक्सीनेट
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण को लेकर भय और भ्रम दूर हुआ है। लोग स्वयं टीकाकरण के लिए आगे आ रहे हैं। प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का जल्द से जल्द टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। समीक्षा में जानकारी दी गई कि 18 वर्ष से अधिक आयु की 30 प्रतिशत पात्र जनसंख्या को टीके की पहली डोज लग चुकी है। इंदौर में 68 प्रतिशत, भोपाल में 60 प्रतिशत, शहडोल और उज्जैन में 44 प्रतिशत, जबलपुर में 41 प्रतिशत और ग्वालियर में 40 प्रतिशत पात्र जनसंख्या को टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है।
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