वाशिंगटन । भारत-चीन (India-China) के बीच चल रहे तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय (के प्रवक्ता (US State Department Spokesman) नेड पाइस ( Ned Pais) ने कहा कि, ‘हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम भारत और चीन की सरकारों के बीच चल रही बातचीत को जानते हैं और हम सीधे बातचीत और उन सीमा विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकालेंगे।
आगे उन्होंने कहा कि पड़ोसियों को डराने के लिए चल रहे प्रसायों को लेकर चिंतिंत हैं। हमेशा की तरह, हम दोस्तों के साथ खड़े होंगे, हम सहयोगियों के साथ खड़े होंगे। इस बयान से एक बार फिर साफ हो गया है कि एलएसी विवाद पर अमेरिका आगे भी भारत का साथ देगा।
वहीं, चीन की विस्तारवादी नीति से निपटने की चुनौती को देखते हुए दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और खुला बनाने के लिए भी बढ़ावा देंगे। दोनों देशों ने अपने सामरिक द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए यह महत्वाकांक्षी एजेंडा तय किया है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 46वें अमेरिकी राष्ट्रपति की कमान संभालने के बाद बाइडन और मोदी ने फोन पर आपसी बातचीत में चार देशों के समूह क्वॉड (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला बनाने, जहाजों की आवाजाही की बेरोकटोक आजादी, क्षेत्रीय अखंडता और मजबूत क्षेत्रीय ढांचे पर जोर दिया गया।
बाइडन ने दुनिया भर में लोकतांत्रिक संस्थानों और मानदंडों की रक्षा करने की अपनी इच्छा को भी रेखांकित किया और कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक साझा प्रतिबद्धता अमेरिका-भारत संबंधों के लिए आधार है। इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने बाइडन से बात की और उन्हें सफलता की शुभकामनाएं दीं। दोनों के बीच क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर चर्चा हुई और दोनों ही जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपने सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमत हैं।
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