नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मणिपुर हिंसा से जुड़ी एक याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। दरअसल, मणिपुर ट्राइबल फोरम की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई थी कि राज्य में रहने वाले कुकी समुदाय की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय सेना को दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए याचिका पर तीन जुलाई को सुनवाई के लिए भेज दिया। कोर्ट ने कहा कि यह पूरी तरह कानून और व्यवस्था का मसला है। इस बीच केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि सुरक्षा एजेंसियां स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे रही हैं।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एमएम सुरेश की वैकेशन बेंच के सामने वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजालवेज ने मणिपुर ट्राइबल फोरम की याचिका का जिक्र किया था। वहीं, केंद्र की तरफ से इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से पक्ष रखा गया।
मणिपुर ट्राइबल फोरम ने आरोप लगाया है कि राज्य में कुकी सुरक्षित नहीं हैं। एनजीओ ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि वह केंद्र सरकार के झूठे आश्वासनों पर भरोसा न करे और कुकी समुदाय की सुरक्षा भारतीय सेना को सौंपी जाए। गौरतलब है कि मणिपुर में करीब एक महीने पहले शुरू हुई हिंसा में अब तक 100 लोगों की मौत हो चुकी है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच छिटपुट हिंसा की घटनाएं अभी भी जारी हैं।
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