नई दिल्ली. हूती विद्रोहियों (Houthi rebels) पर हमले का प्लान (plan) एक बार फिर लीक (leak) हो गया है. इसे लेकर फिर आरोप ट्रंप (Trump) की कैबिनेट पर लगा है. राष्ट्रपति ट्रंप के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सिग्नल (Signal) मैसेजिंग ऐप पर हूती पर हमले का प्लान लीक कर दिया.
आरोप है कि पीट हेगसेथ ने यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिकी सैन्य हमले की संवेदनशील जानकारी को सिग्नल पर लीक कर दिया है. यह मामला अत्यंत गंभीर है. हेगसेथ ने यह जानकारी एक निजी सिग्नल ग्रुप में साझा की, जिसमें उनकी पत्नी जेनिफर राउचेट हेगसेथ, भाई फिल हेगसेथ और निजी वकील टिम पार्लटोर सहित करीब एक दर्जन लोग शामिल थे. इस ग्रुप का नाम Defense Team Huddle था, जिसे हेगसेथ ने जनवरी 2025 में बनाया था. इस चैट के लिए हेगसेथ सरकारी डिवाइस का नहीं बल्कि अपने निजी फोन का इस्तेमाल कर रहे थे.
बता दें कि इससे पहले मार्च में पहली बार सिग्नल से जुड़ा हुआ यह मामला सामने आया था, जब पहली बार हूती विद्रोहियों पर अमेरिकी हमले का प्लान चैट पर लीक हुआ था. द अटलांटिक (The Atlantic) पत्रिका के संपादक जेफ्री गोल्डबर्ग को गलती से एक सिग्नल ग्रुप चैट में जोड़ा गया था.
ट्रंप कैबिनेट के बड़े अधिकारियों ने यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की सीक्रेट प्लानिंग पर चर्चा के लिए एक मैसेजिंग ऐप पर ग्रुप बनाया था. इस ग्रुप में बेहद संवेदनशील जानकारियां शेयर की जा रही थी. मसलन, यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिका अगला हमला कब करेगा? यह हमला कितने बजे, किन-किन हथियारों से किया जाएगा?
लेकिन गड़बड़ उस समय हो गई जब अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वॉल्ट्ज ने इस मैसेजिंग ऐप Signal में The Atlantic मैगजीन के एडिटर इन चीफ जेफरी गोल्डबर्ग (Jeffrey Goldberg) को एड करने की रिक्वेस्ट भेजी.
इस ग्रुप में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, एनएसए माइक वॉल्ट्ज, डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस सहित कई आला अधिकारी थे.
गोल्डबर्ग ने कहा था कि 11 मार्च को मुझे माइकल वॉल्ट्ज नाम के एक यूजर से सिग्नल पर कनेक्शन रिक्वेस्ट मिली. सिग्नल एक ओपन-सोर्स एन्क्रिप्टेड मैसेंजिंग सर्विस ऐप है, जो पत्रकारों के बीच ज्यादा पॉपुलर हैं. गोल्डबर्ग कहते हैं कि शुरुआत में मैं समझ ही नहीं पाया कि यह माइकल वॉल्ट्ज ट्रंप कैबिनेट में एनएसए वॉल्ट्ज हैं. मैंने उनसे पहले भी मुलाकात की है लेकिन मुझे लगा कि माइकल वॉल्ट्ज के नाम से किसी शख्स ने मुझे शामिल किया है. लेकिन बाद में मुझे एहसास हो गया कि मैं ट्रंप की कैबिनेट के साथी इस ग्रुप से जुड़े हुए हैं.
उन्होंने बताया कि दो दिन बाद शाम 4.28 बजे मुझे नोटिस मिला कि मुझे Houthi PC small group नाम के सिग्नलल चैट ग्रुप में शामिल किया गया है. इस ग्रुप में शामिल होने के बाद यह मैसेज किया गया कि हूती विद्रोहियों पर हमला करने के लिए इस ग्रुप के जरिए कॉर्डिनेशन किया जाएगा.
गोल्डबर्ग ने The Atlantic मैगजीन में इसे लेकर एक आर्टिकल लिखा था, जिसमें उन्होंने बताया था कि मुझे 15 मार्च को यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बमबारी से दो घंटे पहले पता चल गया था कि हमला हो सकता है. रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ग्रुप पर सुबह 11.44 बजे यह वॉर प्लान भेज दिया था.
बता दें कि जब ट्रंप से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. साथ ही उन्होंने द अटलांटिक पर भी तंज कसते हुए कहा कि मैं इसका फैन नहीं हूं. मेरे लिए तो अटलांटिक एक ऐसी मैगज़ीन है जो बंद होने वाली है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved