वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के अधिकारियों से सोमवार को एक भारी गलती होने की खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों (National Security Officials) ने कथित तौर पर यमन में अमेरिकी हमलों की खुफिया जानकारियों को एक ऐसे ग्रुप में शेयर कर दिया जिसमें एक जर्नलिस्ट मौजूद थे। गोपनीय मानी जाने वाली यह जानकारियां ऐसे समय में आईं जब अमेरिका ने यमन के हुती विद्रोहियों के खिलाफ नई जंग छेड़ने का फैसला किया है। द अटलांटिक के एडिटर ने दावा किया है कि ट्रंप के रक्षा सचिव सहित कुछ अधिकारियों ने इस हमले से जुड़ी अहम बातों को ग्रुप में शेयर कर दिया।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इन जानकारियों के पुख्ता होने की भी पुष्टि की है। इस घटना की जानकारी सामने के कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। हालांकि बाद में वे इसे लेकर मजाक करते नजर आए। इन मैसेजेस में कई डिटेल शामिल थे। इनमें यमन में ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों पर हमले, टारगेट, हथियारों की तैनाती और हमले के क्रम जैसी संवेदनशील बातों का भी जिक्र था। हालांकि यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि यह जानकारियां क्लासीफाइड थीं या नहीं।
कौन-कौन थे ग्रुप का हिस्सा?
मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने एक बयान में कहा है कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि सिग्नल ग्रुप चैट में एक पत्रकार का नंबर कैसे जोड़ा गया। बता दें कि उस ग्रुप में रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के अलावा, उपराष्ट्रपति जे डी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ट्रंप की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड भी शामिल थीं। पत्रकार ने दावा किया है कि उन्हें ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज से इस ग्रुप में जुड़ने का आमंत्रण मिला था।
पीट हेगसेथ ने जर्नलिस्ट को बताया फेक
वहीं पीट हेगसेथ ने इस मामले पर अपनी पहली टिप्पणी में पत्रकार को धोखेबाज, बदनाम और फेक जर्नलिस्ट बताया है। हालांकि रक्षा सचिव ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इतनी खुफिया और संवेदनशील ऑपरेशन पर चर्चा करने के लिए सिग्नल ऐप का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा था या पत्रकार उस समूह से कैसे जुड़ गया। हेगसेथ ने आगे कहा, “कोई भी युद्ध की योजनाएं टेक्स्ट नहीं कर रहा था और मुझे इस बारे में बस इतना ही कहना है।”
डेमोक्रेटिक नेताओं ने उठाए सवाल
इस बीच सोमवार को देर रात एक बयान में वाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा है कि राष्ट्रपति को वाल्ट्ज और राष्ट्रीय सुरक्षा टीम पर अत्यंत भरोसा है। हालांकि डेमोक्रेटिक सांसदों ने अत्यधिक संवेदनशील जानकारी को संभालने के प्रशासन के तरीके की निंदा की है और सीनेट डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर ने जांच की मांग की है।
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