वॉशिंगटन। ताइवान में चीन की बढ़ती आक्रामकता और शक्ति प्रदर्शन का अमेरिका पर कोई असर नहीं पड़ा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने साफ शब्दों में कहा है कि हम हमारे सहयोगी देशों व भागीदारों की सुरक्षा को लेकर अडिग हैं। चीन समूची ताइवान खाड़ी में अपने हथियारों का जीवंत प्रदर्शन कर रहा है। उसने दर्जनभर बैलेस्टिक मिसाइलें दागी हैं और इनमें से कुछ जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में भी गिरी हैं।
कंबोडिया में आसियान की बैठक के बाद फिलीपींस की राजधानी मनीला पहुंचने से पहले ब्लिंकन ने ताइवान को लेकर अमेरिका की नीति स्पष्ट की। ताइवान को लेकर चीन की बेचैनी व उग्रता से चिंताजनक स्थिति बन गई है। ऐसे में ब्लिंकन ने कहा कि हम हमारे सहयोगियों और साझेदारों के साथ हैं। अमेरिका क्षेत्रीय संगठनों के साथ और उनके माध्यम से काम करेगा, ताकि क्षेत्र में दोस्तों को बगैर किसी दबाव के निर्णय लेने का अवसर मिले। हम जापान समेत इस क्षेत्र में अपने सहयोगियों की सुरक्षा के प्रति अपनी वचनबद्धता प्रकट करने के लिए कदम उठाएंगे।
चीन के आक्रामक रुख की परवाह नहीं
अमेरिकी विदेश मंत्री अपनी एशिया प्रशांत व अफ्रीका यात्रा के पहले पड़ाव में कंबोडिया पहुंचे थे। वहां से रवानगी के पहले उन्होंने यह बात कही। अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन की धमकियों के संदर्भ में ब्लिंकन ने मीडिया से चर्चा में दो टूक बातें कहीं।
कानून जहां जाने की इजाजत देंगे वहां जाएंगे
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून जहां भी जाने की अनुमति देंगे, वहां हम उड़ान भरेंगे, समुद्री रास्तों से आवाजाही करेंगे और उनका संचालन करेंगे। ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से हवाई और समुद्री आवाजाही जारी रखेंगे। यह हमारे लंबे दृष्टिकोण के अनुरूप है। हम समुद्री परिवहन के साथ ही ओवरफ्लाइट की आजादी भी कायम रखेंगे। हमारे सहयोगियों और भागीदारों ने कई दशकों से इस क्षेत्र को समृद्ध बनाने में योगदान दिया है।
ताइवान की स्थिति बदलने का प्रयास
ब्लिंकन अमेरिकी विदेश मंत्री बतौर फिलीपींस की अपनी पहली यात्रा पर मनीला पहुंचे हैं। इससे पहले मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने ताइवान के पास सात प्रतिबंधित क्षेत्र बनाए हैं। वह सोमवार तक सैन्य अभ्यास की नई श्रृंखला शुरू करेगी। इनसे उकसाने वाली कार्रवाई बढ़ेगी। हमने देखा है कि कैसे चीन ने ताइवान की स्थिति को बदलने का प्रयास किया है। उसने ताइवान में आर्थिक व राजनीतिक दखल देना शुरू किया। अब वह खतरनाक कार्रवाईयों को नए स्तर पर ले जा रहा है।
अमेरिका ने चीन से कहा है कि हम संकट को बढ़ाना या भड़काना नहीं चाहते। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई ने भी यही बात कही है। नैंसी पेलोसी की यात्रा पर चीन अत्यधिक प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा और इसे उसने ताइवान की खाड़ी के आसपास सैन्य अभ्यास व भड़काने वाली गतिविधियों का मौका बना लिया है, जबकि स्पीकर की यात्रा शांतिपूर्वक हुई थी। हमें उम्मीद थी कि चीन ऐसा ही करेगा।
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