दमिश्क: सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़े दो हफ्ते गुजर चुके हैं. मीडिल ईस्ट देश में रूस का आधिपत्य खत्म हो चुका है. अमेरिका के समर्थन वाले विद्रोही गुट का सीरिया में उदय हो चुका है. सीरिया में नए सरगना अहमद अल-शरा के युग का प्रारंभ हो चुका है. वह अमेरिकी समर्थक बताए जाते हैं. उनके सत्ता में आते ही अमेरिकी सेना ने क्षेत्र में पावर गेम शुरू कर दिया है. गुरुवार को 19 दिसंबर को अमेरिकी सेना ने आईएसआईएस सरगना अबू यूसुफ ऊर्फ महमूद को हवाई हमले में मार गिराया. अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड ने शुक्रवार को प्रेस रिलीज में इसकी जानकारी दी.
अबू यूसुफ सीरिया में आईएसआईएस आतंकवाद का दूसरा रूप माना जाता था. पूरी दुनिया में आतंकवाद, कट्टरपंथ, और आपराधिक गतिविधियों में उसका नाम जुड़ा था. अबू यूसुफ एक प्रतिकात्मक नाम था, जो कई आतंकवादी और कट्टरपंथी संगठन के सदस्यों द्वारा किया जाता है. वह संगठन के एक प्रमुख प्रचारक या लड़ाके के रूप में काम करता है, जो आतंकी हमलों की योजना और उन्हें अंजाम देने में शामिल है. भारत से भी जुड़ा था कनेक्शन. दरअसल, भारत में अबू यूसुफ नाम 2020 में तब चर्चा में आया, जब दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से अबू यूसुफ अल-हिंदी नामक एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार किया.
सीरिया में अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड ने एक प्रेस रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी. यूएस सेंट्रल कमांड फोर्स ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ’19 दिसंबर को, यूएस सेंट्रल कमांड फोर्स ने सीरिया के डेयर अज़ ज़ावर प्रांत में ISIS सरगना अबू यूसुफ उर्फ महमूद को निशाना बनाकर एक सटीक हवाई हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप अबू यूसुफ सहित दो ISIS ऑपरेटिव मारे गए. यह हवाई हमला क्षेत्र में आईएसआईएस के भागीदारों के खिलाफ सेंट्रल कमांड की चल रही प्रतिबद्धता का हिस्सा है. पूरे क्षेत्र और उससे परे अमेरिका, हमारे सहयोगियों और हमारे भागीदारों के नागरिकों और सैन्य कर्मियों के खिलाफ हमलों की योजना बनाने, संगठित करने और संचालित करने के आतंकवादियों के प्रयासों को बाधित और कम करने के लिए है.’
अमेरिकी सेना ने बताया कि आईएसआईएस सीरिया में फिर से एक्टिव हो रहा है. उसका इरादा सीरिया में वर्तमान में बंद 8,000 से अधिक आईएसआईएस आतंकवादियों को वहां से छुड़ाने का है. हम इन सरगाना और कार्यकर्ताओं को आक्रामक तरीके से निशाना बनाएंगे, जिनमें सीरिया के बाहर अभियान चलाने की कोशिश करने वाले भी शामिल हैं. आईएस आतंकवादियों ने 2014 में इराक और सीरिया के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया था, सीरिया के गृहयुद्ध का फायदा उठाकर उन्होंने वहां की जमीन पर अपना दावा ठोक दिया था और फिर वहां खुद को खिलाफत घोषित कर दिया.
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