वाशिंगटन (Washington)। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secretary of State Antony Blinken) जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस़्ड इंटरनेशनल स्टडीज (Johns Hopkins School of Advanced International Studies) पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम अपने समय की कठिन चुनौतियों से निपटने के लिए नया गठबंधन बना रहे हैं। जी20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने एक गलियारे की घोषणा की, जो एशिया, मध्य-पूर्व और यूरोप के बंदरगाहों को आपस में जोड़ेगा। इस गलियारे के तहत सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूरोपीय संघ स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, डिजिटल कनेक्टिविटी सहित अन्य महत्वपूर्ण आपूर्ति के लिए अमेरिका-भारत के साथ मिलकर काम करेंगे।
वैश्विक चुनौतियों से निपटने का प्रयास
अमेरिकी विदेश मंत्री ने गुरुवार को कहा कि हम अपने गठबंधनों और साझेदारियों को विभिन्न मुद्दों और महाद्वीपों के साथ जोड़ रहे हैं। हमने अमेरिका को मजबूत करने के लिए भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड साझेदारी को बढ़ाया है। हम समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने से लेकर जलवायु चुनौती से निपटने का प्रयास करेंगे। स्कूल में उन्होंने कहा कि हम अपने गठबंधनों और साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ नए गठबंधन बना रहे हैं। भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी इतनी गतिशील आज तक नहीं रही।
रेल लाइन का होगा विस्तार
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट की काट के लिए भारत ने भारत-मध्यपूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की स्थापना के लिए समझौता किया है। नए आर्थिक गलियारे में दो अलग-अलग गलियारे शामिल होंगे। इसमें, पूर्वी गलियारा भारत को पश्चिम एशिया और मध्यपूर्व से जोड़ेगा तो वहीं, उत्तरी गलियारा पश्चिम एशिया और मध्यपूर्व को यूरोप से जोड़ेगा।
एमओयू के अनुसार, इसमें एक रेलवे लाइन शामिल है। रेलवे लाइन के कारण भारत के माध्यम से दक्षिण पूर्व एशिया के बीच वस्तुओं और सेवाओं के ट्रांसशिपमेंट को बढ़ाने वाला मौजूदा मल्टी-मॉडल परिवहन मार्गों को नया नेटवर्क प्रदान होगा। भारत एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य के रूप में निवेश, सहयोग और कनेक्टिविटी बनाने के लिए भारत के साथ खड़ा है।
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