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    अमेरिका की पहली ट्रांसजेंडर महिला जिसे इंजेक्शन से दी जाएगी सजा-ए-मौत, जानिए पूरा मामला

  • January 03, 2023

    मिसौरी: अमेरिका के मिसौरी में एम्बर मैकलॉघलिन की चर्चा है. एम्बर ने 2003 में पूर्व प्रेमिका की हत्या की थी. दोष साबित हो चुका है. मौत की सजा सुनाई जा चुकी है. अगर मिसौरी के गवर्नर उन्हें क्षमादान नहीं देते हैं तो मौत होनी तय है और वो अमेरिका के इतिहास में मौत की सजा पाने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला बन जाएंगी. 49 वर्षीय एम्बर के वकील का कहना है कि अब अदालत में उनकी कोई भी अपील लम्बित नहीं है. सजा माफ होगी या नहीं, यह गवर्नर के विवेक पर निर्भर है.

    अब तक क्या हुआ?
    लिंग परिवर्तन से पहले एम्बर प्रेमिका बेवर्ली गुएन्थर के साथ रिलेशनशिप में थे, लेकिन एक समय पर दोनों के सम्बंधों में खटास आ गई. प्रेमिका ने दूरी बनानी शुरू कर दी, लेकिन एम्बर उसका पीछा करने लगे. कभी ऑफिस तो कभी घर. नवंबर 2003 में एम्बर ने प्रेमिका की हत्या कर दी.

    मामला कोर्ट पहुंचा और 2016 में एम्बर को हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाई गई. मौज की सजा से राहत पाने के लिए याचिका दायर की गई. 2016 में कोर्ट ने फिर से सुनवाई शुरू की. 2021 में कोर्ट का फैसला आया और उसमें भी एम्बर की मौत की सजा को बरकरार रखा.

    वो बीमारी जिसे याचिका का आधार बनाया गया
    एम्बर का कहना था उनका बचपन दर्दनाक रही हैं. वो मानसिक बीमारियों से जूझते रही हैं. सेक्स डिस्फोरिया नाम की बीमारी से भी परेशान रही हैं. इन सबका हवा देते हुए उन्होंने बार-बार क्षमादान की अपील की.

    याचिका में यह भी कहा गया कि उसे जिन माता-पिता ने गोद लिया था उन्होंने उनके चेहरे पर मल तक लगा दिया था. इतना ही, बचपन में पिता ने बेहोश करने के लिए बंदूक का इस्तेमाल किया. इससे वो लम्बे समय तक डिप्रेशन में रहीं. कई बार सुसाइड करने की कोशिश भी की. इतना ही नहीं, याचिका में जेंडर डिस्फोरिया नाम की बीमारी के इलाज की बात भी कही गई.


    वकील लैरी का कहना है, एम्बर ने बहुत नफरत का सामना किया है, इसके बावजूद उसने काफी हिम्मत दिखाई है. अमेरिका के इतिहास में अब तक किसी ट्रांसजेंडर कैदी को मौत की सजा नहीं सुनाई गई है. वहीं, मिसौरी में अब तक सिर्फ एक ही महिला बॉनी हेडी को मौत की सजा सुनाई गई. उसने 6 साल के बच्चे की हत्या की थी.

    वो इंजेक्शन जिससे मौत की नींद सुलाया जाएगा
    अगर एम्बर को गर्वनर की तरफ से क्षमादान नहीं मिलता है तो उन्हें इंजेक्शन से सजा-ए-मौत दी जाएगी. जिस इंजेक्शन से मौत की सजा दी जाती है वो कई दवाओं का कॉकटेल होता है. इसे लगते ही दिमाग और शरीर बहुत तेजी से सुन्न पड़ता है. शरीर पैरालाइज हो जाता है. दिल की धड़कन थमने लगती हैं.

    अमेरिका में इतिहास में पहली बार 7 दिसम्बर, 1982 में इंजेक्शन से मौत की सजा दी गई. हत्या के दोषी चार्ल्स ब्रूक्स जूनियर को जहरीला इंजेक्शन दिया गया था. चार्ल्स ब्रूक्स ने डेविड ग्रेगरी नाम के ऑटो मैकेनिक की हत्या की थी. सुनवाई के दौरान दोष साबित होने पर उसे मौत की सजा सुनाई गई.

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