वाशिंगटन। अमेरिकी रक्षा विभाग (US Department of Defense) ने शुक्रवार को यूक्रेन के लिए 275 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 22.66 अरब रुपये) के एक और सैन्य सहायता पैकेज (military aid package) की घोषणा की। पैकेज में हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) के लिए अतिरिक्त गोला-बारूद, 80,000 155 मिमी आर्टिलरी राउंड और काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम उपकरण शामिल हैं।
इसके अलावा, अमेरिका द्वारा घोषित सहायता पैकेज में काउंटर-एयर डिफेंस क्षमता (counter-air defense capability), उच्च गतिशीलता वाले बहुउद्देशीय पहिएदार वाहन (HMMWVs) एम्बुलेंस और चिकित्सा उपकरण, लगभग 150 जनरेटर और फील्ड उपकरण शामिल हैं। यह घोषणा रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच की गई है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया कि रूस द्वारा इस साल 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य आक्रमण शुरू करने के बाद से अमेरिका ने 19.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 15.91 खरब रुपये) से अधिक की सैन्य सहायता प्रदान की है।
अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, सैन्य सहायता पैकेज यूक्रेन को अपनी वायु रक्षा को मजबूत करने की नई क्षमता प्रदान करेगा। अमेरिका विशेष रूप से यूक्रेन को तब से सैन्य और मानवीय सहायता प्रदान कर रहा है जब से मास्को ने कीव में आक्रमण शुरू किया था। अमेरिकी रक्षा विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह सुरक्षा सहायता पैकेज यूक्रेन को महत्वपूर्ण उपकरण प्रदान करने के अलावा अपनी वायु रक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई क्षमता प्रदान करेगा, जिसका उपयोग यूक्रेन युद्ध के मैदान में खुद को बचाने के लिए प्रभावी ढंग से करेगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Foreign Minister Antony Blinken) ने कहा है कि रूस के “क्रूर और अकारण हमले” के खिलाफ यूक्रेन (ukraine) को खुद को बचाने में मदद करने के लिए अमेरिका यूक्रेन को सैन्य सहायता देना जारी रखेगा। ब्लिंकेन ने कहा कि नवीनतम सैन्य पैकेज अगस्त 2021 से यूक्रेन के लिए अमेरिकी हथियारों और उपकरणों की 27वीं खेप है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका यूक्रेन का समर्थन करने के लिए 40 से अधिक सहयोगियों और भागीदारों के साथ काम करना जारी रखेगा क्योंकि वे अपनी आजादी और स्वतंत्रता की रक्षा कर रहे हैं।
इस बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति के कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि डोनबास के बखमुत, सोलेदार, मरिंका और क्रेमिना क्षेत्रों में अग्रिम पंक्ति की स्थिति बहुत कठिन बनी हुई है। नौ दिसंबर को अपने वीडियो संबोधन में जेलेंस्की ने जोर देकर कहा था कि इन क्षेत्रों में रहने की कोई जगह नहीं बची है क्योंकि गोलाबारी से इन जगहों को भारी नुकसान पहुंचा है।
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