img-fluid

अमेरिकी धमकी का असर नहीं, भारत और रूस ने फिर बनाया रिकॉर्ड

May 21, 2024


मॉस्को: भारत (india) और रूस (russia) की दोस्ती (friendship) पर अमेरिका (American) के धमकियों ( threat) का कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि भारत और रूस व्यापार (business) में नए रिकॉर्ड (records) तक पहुंचे हैं। भारतीय उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के आधार पर रूसी मीडिया स्पुतनिक ने बताया कि, पहली तिमाही में रूस और भारत के बीच व्यापार 17.5 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। वही, दोनों देशों के बीच एक्सचेंज पहली बार 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया। जनवरी में व्यापार 6 बिलियन डॉलर और फरवरी में 5.2 बिलियन डॉलर था, जो मार्च में साल-दर-साल 7.6% की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ 6.3 बिलियन डॉलर हो गया।


भारत और रूस के बीच बढ़ रहा व्यापार

भारत के उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि भारत-रूस व्यापार में साल-दर-साल 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, पिछली वृद्धि पिछले साल की दूसरी तिमाही में 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी। रूस ने पहली तिमाही में भारत को 16.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का माल निर्यात किया, जो एक साल पहले 15.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था। जनवरी और मार्च के बीच रूस को भारतीय वस्तुओं का निर्यात भी 22 प्रतिशत बढ़कर 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। 24.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के शिपमेंट के साथ चीन के बाद रूस भारत को माल का दूसरा प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। यूएई तीसरे स्थान पर बना हुआ है (25 प्रतिशत बढ़कर 26.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर)। सऊदी अरब शीर्ष पांच से बाहर है।

जयशंकर बोले- यह अस्थायी घटना नहीं

इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत का बढ़ा हुआ द्विपक्षीय व्यापार और रूस के साथ सहयोग के नए क्षेत्र कोई अस्थायी घटना नहीं है। जयशंकर ने शुक्रवार को सीआईआई वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2024 में बोलते हुए कहा, “लंबे समय से, हमने रूस को राजनीतिक या सुरक्षा दृष्टिकोण से देखा है। जैसे-जैसे वह देश पूर्व की ओर मुड़ता है, नए आर्थिक अवसर सामने आ रहे हैं। हमारे व्यापार में बढ़ोतरी और सहयोग के नए क्षेत्रों को अस्थायी घटना नहीं माना जाना चाहिए।” रूस 2023-24 में संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत का दूसरा सबसे बड़ा आयात स्रोत बन गया। रूस से भारत का आयात 32.93 प्रतिशत बढ़कर 61.43 बिलियन डॉलर हो गया, जो मुख्य रूप से तेल से प्रेरित था।

भारत की अर्थव्यवस्था के विकास पर जोर

जयशंकर ने कहा कि अगर भारत की संभावनाओं वाली अर्थव्यवस्था को अपनी वृद्धि को बढ़ावा देना है तो उसे वैश्विक संसाधनों तक पहुंच को अधिक गंभीरता से लेना होगा। उन्होंने कहा, “इंडोनेशिया, अफ्रीका और पश्चिम एशिया जैसी स्थापित साझेदारियों के अलावा, कई अन्य हालिया साझेदारियां भी ऐसी संभावनाएं प्रदान करती हैं, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया और लैटिन अमेरिका के साथ।” भारतीय दूतावास भी विदेशों में हमारे आर्थिक और रोजगार हितों को अपना पूरा समर्थन देना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, “अपनी ओर से, मैं निश्चित रूप से आश्वासन दे सकता हूं कि व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल विदेश यात्राओं पर मेरे साथ रहेंगे और हम, विदेश मंत्रालय में, बी2बी2जी कार्यक्रमों की सुविधा प्रदान करेंगे।”

भू-राजनीतिक अस्थिरता का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर

उन्होंने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में संकट समेत भू-राजनीतिक अस्थिरता के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था हिल रही है, ऐसे में भारत के लिए चुनौती अपने ऊपर इसके प्रभाव को कम करना और दुनिया को यथासंभव हद तक स्थिर करने में योगदान करना है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत दुनिया के लॉजिस्टिक मानचित्र की फिर से इंजीनियरिंग शुरू करे। कुछ कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं, जैसे अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा जिसमें चाबहार बंदरगाह भी शामिल है।

Share:

Galaxy F55 5G: 50MP सेल्फी कैमरा वाला नया फोन अब इस डेट को होगा लॉन्च

Tue May 21 , 2024
नई दिल्ली (New Delhi)। साउथ कोरियन टेक कंपनी (South Korean Tech Company) Samsung पिछले सप्ताह Galaxy F55 5G स्मार्टफोन (Galaxy F55 5G Smartphone) 17 मई को लॉन्च (launched on May 17) करने को जा रहा था लेकिन अचानक इसका लॉन्च टाल दिया गया। अब कंपनी ने ना सिर्फ इसकी नई लॉन्च डेट कन्फर्म कर दी […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
रविवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved