नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। अब तक 10 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। यानी दुनिया में संक्रमण के मामले में भारत अब अमेरिका और ब्राज़ील के बाद तीसरे नंबर पर है। भारत में अब तक 26 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मौत के मामले में भारत फिलहाल दुनिया में सातवें नबर पर है। लिहाजा अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने भारत में कोरोना से हो रही मौत के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। अखबार ने इन आंकड़ों को ‘रहस्य’ करार दिया है।
अखबार ने भारत में मौत के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि जब अमेरिका और ब्राज़ील में मरीजों की संख्या 10 लाख के पार पहुंची थी, तो काफी बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई, लेकिन भारत में तो 10 लाख के पड़ाव पर अमेरिका और ब्राजील के मुकाबले आधे से कम लोगों की जान गई है। अखबार ने आगे लिखा है, ‘अमेरिका और ब्राजील से तुलना करें तो भारत में मृत्यु दर काफी कम है। इसके अलावा हर 10 लाख की आबादी पर कोरोन के केस भी काफी कम हैं। ये आंकड़े किसी ‘रहस्य’ की तरह हैं।
अखबार के मुताबिक भारत सरकार ये दावा कर रही है कि उनके यहां रिकवरी रेट और मौत की दर काफी कम है, लेकिन सच्चाई ये है कि भारत के ग्रामीण इलाकों में बिना किसी मेडिकल सुविधा के भारी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है। अखबार ने लिखा, ऐसे लोगों का न तो कोरोना टेस्ट हो रहा है और न ही उनका इलाज। पहले से ही ये संकेत मिल रहे हैं कि भारत में कोरोना से हो रही मौत की रिपोर्टिंग गलत तरीके से की जा रही है। इतना ही नहीं भारत में आबादी के मुकाबले टेस्ट भी काफी कम हो रहे हैं।
रूस के आंकड़ों पर भी सवाल
वॉशिंगटन पोस्ट ने रूस के आकड़ों पर भी सवाल उठाए हैं। अखबार ने लिखा है कि रूस में 7.5 लाख से ज्यादा कोरोना के केस हैं और वहां सिर्फ 12 हजार लोगों की मौत हुई है। रूस में मौत की दर सिर्फ 1.6 फीसदी है, वहीं भारत में ये दर 2.6% है, जबकि अमेरिका में मौत की दर 3.9% है। अखबार के मुताबिक कुछ एक्सपर्ट ने न आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं।
हालांकि अखबार ने मौत की दर कम होने की पीछे वजहें भी बताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तव में मृत्यु दर कम हो सकती है, इसकी मुख्य वजह युवा आबादी है। भारत में सिर्फ 5 प्रतिशत लोगों की उम्र 65 या इससे अधिक है। जबकि आधे से अधिक लोग 25 वर्ष से कम आयु के हैं। इसके अलावा भारत में पहले भी कई तरह की बीमारियां आ चुकी है जिससे यहां के लोगों की इम्यूनिटी काफी बेहतर है।
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