वाशिंगटन। भारत(India) में तेजी से बढ़ रही कोरोना महामारी(Corona Pandemic) की स्थिति को लेकर अमेरिकी सांसदों(American lawmakers), विशेषज्ञ(experts) और समुदाय के प्रमुख लोग(prominent people in the community) मदद(Help) के लिए तेजी से सक्रिय हो गए हैं। अमेरिका(America) के सर्जन जनरल डा. विवेक मूर्ति ने कहा कि भारत की स्थिति बहुत ही भयावह है। अमेरिका और भारत में मेरे परिवार के ही सात लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। भारतीय-अमेरिकी डा. विवेक मूर्ति ने कहा कि भारत(India) की सहायता के लिए इस महामारी (Pandemic)से लड़ने वाली अमेरिका की विशेषज्ञ संस्थाओं की टीम को भेजा जाएगा। ये टीमें भारत में लेबोरेटरी को मजबूती देने और महामारी पर नियंत्रण के लिए काम करेंगी।
डा. विवेक मूर्ति ने कहा है कि दुनिया में कहीं भी जब वायरस तेजी से बढ़ता है तो इसका मतलब है कि कई वेरिएंट उत्पन्न हो सकते हैं, जिन पर वैक्सीन भी निष्प्रभावी हो सकती है। ऐसी स्थिति में ज्यादा सतर्कता की आवश्यक है। अमेरिकी संसद के प्रभावी कांग्रेसनल भारतीय कॉकस ने भारत के राजदूत तरनजीत संधू के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इन सांसदों ने कोरोना के साथ ही विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से कुछ प्रविधानों में छूट पर भी चर्चा की। इंडिया कॉकस के अध्यक्ष डेमोक्रेट ब्रेड शेरमन ने प्रतिनिधि सभा में कहा कि ऐसे विकट समय में भारत की हर तरह संभव मदद करनी चाहिए। सांसद रो खन्ना और माइकल वाल्ट्ज भी भारतीय राजदूत से बैठक में मौजूद थे। रो खन्ना ने ट्वीट करते हुए कहा कि अमेरिकी-भारतीय कॉकस आक्सीजन और पीपीई किट भेजने में सहायता कर रहा है। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मेलपास ने भारत में महामारी के दौरान अमेरिका और फ्रांस की सहायता का स्वागत किया है।अमेरिका के डाक्टरों, वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सबसे बड़े संगठन संक्रामक रोग सोसाइटी ने भारत को कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने की प्रशंसा की है।