ताइपे(taipei) । हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी(House Foreign Affairs Committee) के अध्यक्ष माइकल मैककॉल (Michael McCall)के नेतृत्व में अमेरिकी सांसदों (US lawmakers)का एक प्रतिनिधिमंडल(delegation) इस सप्ताह ताइवान का दौरा (taiwan tour)कर रहा है। इसकी जानकारी ताइपे में मौजूद अमेरिकी संस्थान ने दी है। ताइवान में अमेरिकी संस्थान ने एक बयान में कहा, प्रतिनिधिमंडल रविवार से गुरुवार तक ताइवान में है, यह यात्रा चीन द्वारा द्वीप के चारों ओर दो दिनों के युद्धाभ्यास समाप्त करने के तुरंत बाद हो रही है। इससे चीन का नाराज होना तय माना जा रहा है। आशंका है कि चीन इन विवादों की आड़ में ताइवान पर हमला न कर दे।
ताइवान के साथ विदेशी संबंध से चिढ़ता है चीन
चीन ताइवान के साथ किसी भी देश के संबंधों से चिढ़ता है। खासकर अमेरिका के साथ ताइवान के रक्षा संबंधों से चीन हमेशा नाराज रहता है। जब भी अमेरिकी अधिकारी ताइवान पहुंचते हैं तो चीन अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ा देता है। पिछले साल, चीन ने तब ताइवान के करीब सैन्य तैनाती को बढ़ाया था, जब त्साई इंग-वेन के प्रशासन के तहत ताइवान के तत्कालीन उपराष्ट्रपति लाई ने संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा किया था। इससे पहले, चीन ने 2022 में बड़ा अभ्यास किया था जब तत्कालीन अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था।
ताइवान पर कब्जे की धमकी देता है चीन
चीन ने पिछले कुछ दिनों से लगातार ताइवान को धमकी दी है। आज भी चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि ताइवान के पुनर्मिलन तक सैन्य तैनाती इसी तरह बनी रहेगी। पिछले दिनों चीन की सेना ने ताइवान के निकट अपना दो दिवसीय संयुक्त अभ्यास खत्म किया था। ताइवान पर चीन अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा होने का दावा करता है। गुरुवार और शुक्रवार को किया गया यह सैन्य अभ्यास ताइवान के नए राष्ट्रपति लाइ चिंग-ते की उस टिप्पणी के प्रतिशोध में आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने द्वीप पर बीजिंग के संप्रभुता के दावों को खारिज कर दिया था और चीन की जन मुक्ति सेना (पीएलए) की सत्ता पर कब्जा करने की क्षमता को चुनौती दी थी।
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