वाशिंगटन (Washington)। भारत और कनाडा में बढ़ते राजनयिक गतिरोध के बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के बाद संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के कुछ एजेंट ने अमेरिका में खालिस्तानी तत्वों से मुलाकात की थी और उन्हें अलर्ट किया था।
अमेरिकी न्यूज पोर्टल ‘द इंटरसेप्ट’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निज्जर की हत्या के बाद अमेरिकी एजेंसी एफबीआई यूएस में रहने वाले खालिस्तानियों से संपर्क साध रही थी और उन्हें सावधान कर रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई खालिस्तानियों से एफबीआई ने संपर्क किया और कहा कि उनकी भी जान को खतरा हो सकता है, हालांकि उन्हें यह नहीं बताया गया कि खतरा कहां से हो सकता है।
निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का आतंकी था जिसे भारत ने बैन कर दिया था। अमेरिकन सिख कॉकस कमेटी के संचालक प्रीतपाल सिंह ने द इंटरसेप्ट को बताया कि कैलिफोर्निया के कई लोगों के पास एफबीआई का फोन आया था और कहा गया था कि निज्जर की हत्या हो गई है। उन्होंने कहा, एफबीआई के दो स्पेशल एजेंट्स मुझसे भी मिलने आए थे। उन्होंने कहा कि जानकारी मिली है कि मेरी जान को खतरा है। उन्होंने कहा कि मुझे सावधान रहने की जरूरत है। हालांकि यह नहीं बताया गया कि किससे सावधान रहना है।
नाम ना बताने की शर्त पर दो अन्य अमेरिकी सिखों ने भी कहा कि एफबीआई एजेंट्स उनके पास भी आए थे। इस बारे में एफबीआई ने इंटरसेप्ट से कुछ नहीं कहा है। बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी शुक्रवार को कहा था कि वह निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा की मदद कर रहे हैं। बता दें कि समाने आ रही बातों से यही लगता है कि जस्टिन ट्रूडो की इस हिमाकत के पीछे फाइव आइज अलायंस के देश भी काम कर रहे हैं जो कि सामने आने से कतरा रहे हैं।
बता दें कि कनाडा में तैनात अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन ने भी दावा किया है कि फाइव आइज अलायंस की जानकारी के आधार पर ही कनाडा ने भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का इल्जाम लगाया है। हालांकि कनाडा अब तक इस बारे में कोई सबूत नहीं दे पाया है। वहीं भारत ने कनाडा के इस आरोप को बेतुका और मनगढ़ंत करार दिया है। कनाडा की कार्रवाई के जवाब में भारत ने ना केवल कनाडाई राजनयिक को देश निकाला दिया बल्कि कनाडा की वीजा सेवा को भी सस्पेंड कर दिया।
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