ताइपे। चीन (China) की धमकी दरकिनार कर अमेरिका (America) ने ताइवान में अधिक निवेश व गहरे व्यापारिक संबंधों के लिए औपचारिक व्यापार वार्ता शुरू करने का एलान किया है। उसका प्रयास ड्रैगन (Dragon) की आर्थिक घेराबंदी का है। अमेरिका के व्यापार विभाग की उपप्रतिनिधि सारा बियांची ने बताया कि अमेरिकन इंस्टीट्यूट इन ताइवान (एआईटी ) व ताइपे इकोनॉमिक एंड कल्चरल रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस (टीईसीआरओ) के तहत व्यापार पर औपचारिक वार्ता शुरू कर दी गई है। इसके नतीजे के तौर पर ताइवान और अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश के संबंध को गहरा किया जाएगा।
दोनों पक्षों के बीच आपसी व्यापार प्राथमिकताओं (business priorities) को साझा मूल्यों के आधार पर बढ़ाया जाएगा। इससे श्रमिक और व्यवसायियों के लिए नवाचार व समावेशी आर्थिक विकास (Economic Development) को बढ़ावा मिलेगा। इस साल जून में एआईटी व टीईसीआरओ ने अमेरिका व ताइवान के बीच 21वीं सदी में व्यापार वार्ता का रोडमैप तैयार करने का एलान किया था।
दोनों पक्षों ने व्यापार सुविधा, अच्छी नियामक प्रथाओं, मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी मानकों, लघु और मध्यम उद्यमों के बीच व्यापार बढ़ाने, कृषि व्यापार को बढ़ावा देने, व्यापार के लिए भेदभावपूर्ण बाधाओं को दूर करने जैसे 11 विषयों पर बातचीत के लिए एजेंडा निर्धारित किया है।
युद्धाभ्यास में ताइवान ने उतारे एफ-16 फाइटर जेट
ताइवान ने युद्धाभ्यास में अत्याधुनिक एफ-16 विमान उतारे हैं। अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन निर्मित ये विमान चौथी पीढ़ी के सबसे खतरनाक फाइटर जेट माने जाते हैं। एक्टिव इलेक्ट्रोनिकली स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार से लैस विमान सटीक निशाना लगाने में बेजोड़ हैं। यह ऑटोमेटिक ग्राउंड कोलिजन अवॉइडेन्स सिस्टम के साथ आते हैं, जिससे पायलटों की सुरक्षा के लिहाज से यह सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। तमाम आधुनिक तकनीकों के साथ यह विमान ताइवान की वायुसेना की रीढ़ हैं।
जापान ने चीन से जताया विरोध
जापान के अधिकारियों ने बीजिंग में चीनी अफसरों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र में मिसाइलें गिरने पर चीन से विरोध जताया। बैठक में चीनी विदेश मामलों के वरिष्ठ सलाहकार यांग जियेची व जापान की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सचिवालय के प्रमुख अकीबा टाकियो शामिल हुए। चीन ने कहा कि जापान को तर्कसंगत नीति अपनानी चाहिए।
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