इस्लामाबादः पाकिस्तान प्रयोजित आंतकवाद के खिलाफ अमेरिका ने कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है जिससे इमरान खान सरकार की टेंशन बढ़ सकती है। । अमेरिकी सरकार द्वारा सीरिया में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकवादियों की भूमिका की जांच करने के इस ऐलान से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ने के आसार हैं । बता दें कि इमरान ने अभी FATF की ग्रे लिस्ट से बचने के लिए दो बेहद अहम विधेयकों को संसद से पारित कराया है।
खान चीन की मदद से पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से निकालने के लिए प्रयास कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका समर्थित और कुर्द सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्स ने 29 पाकिस्तानी आतंकियों के नामों की लिस्ट शेयर की है। ये लोग उनके कब्जे में हैं और इस्लामिक स्टेट की ओर से जंग लड़ रहे थे। ISIS ने इराक और सीरिया में पिछले कुछ सालों में जमकर कत्लेआम किया है। इनमें से 4 पाकिस्तानी ऐसे हैं जिन्होंने तुर्की और सूडान की नागरिकता हासिल कर ली है। बताया जा रहा है कि जिन 29 पाकिस्तानी आतंकवादियों को अरेस्ट किया गया है, उनमें से 9 महिलाएं भी हैं।
एक आतंकवाद निरोधक अधिकारी ने कहा, ‘अमेरिकी सुरक्षा बल पाकिस्तानी नागरिकों से पूछताछ कर रहे हैं। वे यह भी जानने का प्रयास कर रहे हैं कि इन आतंकवादियों को आईएस में सीरिया किसने भेजा? उनके पिछले आतंकी समूहों जैसे अल कायदा और अन्य पाकिस्तानी आतंकियों के बारे में भी अमेरिकी पता लगा रहे हैं।’ अधिकारी ने कहा, ‘चूंकि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासान प्रांत (ISKP) के साथ मिली हुई हैं, ऐसे में पूछताछ में उनके बारे में भी पता चल सकता है।’ ISKP के आतंकवादियों ने काबुल में गुरुद्वारे पर हमला किया था। इसके अलावा उन पर कई निर्दोष लोगों पर हमला करने का आरोप है।
ISKP का चीफ असलम फारुकी एक पाकिस्तानी नागरिक है और उसका ISIS से सीधा संबंध है। उसे हाल ही में अरेस्ट किया गया है। इससे पहले फारुकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था। फारुकी इन दिनों अफगानिस्तान सरकार की कस्टडी में है और अफगान सरकार ने पाकिस्तान के प्रत्यर्पण की मांग को खारिज कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान चीन की मदद से FATF की ग्रे लिस्ट से निकलना चाहता है लेकिन इस नए खुलासे से भारत का यह दावा पुष्ट हो गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर जैसे आतंकी गुट जहां भारत को निशाना बनाते हैं, वहीं ISIS के इशारे पर तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और ISKP अफगानिस्तान में कत्लेआम करते हैं।
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