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चीनी तानाशाही से निपटने के लिए भारत से सहयोग बढ़ाएगा अमेरिका, हिंद-प्रशांत रणनीति को धार देने की कोशिश

March 30, 2022


वाशिंगटन। राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्वच्छ ऊर्जा व डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए भारत को दी जाने वाली मदद बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने इन क्षेत्रों में चीन की बढ़ती तानाशाही से निपटने के लिए यह प्रस्ताव रखा है। भारत के विकास के लिए सहायता को 2021 के 2.5 करोड़ डॉलर से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2023 में 6.6 करोड़ डॉलर करने का प्रस्ताव है।

यह प्रस्ताव वित्त वर्ष 2023 में विकास के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली सहायता का हिस्सा है, जिसे व्हाइट हाउस ने अमेरिकी संसद को भेजा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत के लिए निधि में वृद्धि से एक क्षेत्रीय नेतृत्वकर्ता के रूप में उसकी भूमिका को मदद मिलेगी व डिजिटल अर्थव्यवस्था में निवेश भी बढ़ेगा। प्रशासन ने स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत को दी जाने वाली मदद भी 2021 में 3.45 करोड़ डॉलर से बढ़ाकर 2023 में 4.85 करोड़ डॉलर करने का प्रस्ताव रखा है।

  • 2021 के 2.5 करोड़ डॉलर से बढ़ा 2023 में 6.6 करोड़ की मदद का प्रस्ताव रखा
  • 773 अरब डॉलर के रक्षा बजट में चीन की घेराबंदी के कई प्रस्ताव

वार्षिक बजट में राष्ट्रीय सुरक्षा पर सर्वाधिक ध्यान बाइडन ने सोमवार को 5.8 खरब डॉलर का वार्षिक बजट प्रस्ताव पेश किया, जिसमें देश के राष्ट्रीय सुरक्षा इतिहास में सबसे बड़े निवेश का प्रस्ताव है। रक्षा विभाग ने चीन की तरफ से कथित तौर पर बढ़ती चुनौतियों को प्राथमिकता पर रखा है। बाइडन ने कहा, यह बजट बेहतर अमेरिका बनाने के लिए जरूरी निवेश जारी रखने की प्रतिबद्धता भी दर्शाता है।


हिंद-प्रशांत रणनीति को धार देने के लिए राष्ट्रपति ने मांगे 1.8 अरब डॉलर
जो बाइडन ने 2023 के 773 अरब डॉलर के रक्षा बजट में से 1.8 अरब डॉलर हिंद-प्रशांत रणनीति को धार देने के लिए मांगे हैं। कांग्रेस को भेजे प्रस्ताव चीन के आक्रमक रुख से निपटने के लिए कई प्रस्तावों में 40 करोड़ डॉलर मांगे हैं। अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मौजूदगी बढ़ाना चाहता है। इसके लिए क्षेत्रीय शक्तियों से सहयोग बढ़ा रहा है।

अमेरिका हिंद प्रशांत क्षेत्र में नए राजनयिक समीकरण, रक्षा-सुरक्षा गुटबंदी, नई तकनीक आदान-प्रदान,आपूर्ति शृंखला को मजबूती देना चाहता है। साथ ही क्षेत्र में जलवायु व स्वास्थ्य संबंधी वैश्विक पहलों पर भी सहयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। बाइडन का कहना है कि अमेरिका अपने यूरोपीय और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सहयोगियों को मजबूत बनाना चाहता है।

न्यूयॉर्क में राजस्थानी प्रवासी संगठन के अध्यक्ष बने भंडारी
न्यूयॉर्क के सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम भंडारी को प्रमुख प्रवासी संगठन ‘राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ का अध्यक्ष चुना गया है। संगठन की कार्यकारी समिति में भंडारी अध्यक्ष, कनक गोलिया उपाध्यक्ष, को नीलम मोदी सचिव और कुशल संचेती को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कार्यकारी समिति के सदस्य निर्विरोध चुने गए।

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