वाशिंगटन (Washington)। अमेरिका (America) ने रविवार को चेतावनी दी कि अगर ईरान या उसके समर्थित लड़ाकों (Iran or its supported militias) ने अमेरिकी सेनाओं पर फिर हमले (Again attacks on American forces) किए तो उनका भी सख्ती से जवाब दिया जाएगा। हालांकि अमेरिका ने साफ किया कि वह पश्चिम एशिया (west asia) में एक और लड़ाई शुरू करने के पक्ष में नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन (US National Security Advisor Jack Sullivan) ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा ‘हम किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।’
इस्राइल हमास युद्ध के बाद अमेरिकी ठिकानों पर हो रहे हमले
अमेरिका ने शनिवार को ही ब्रिटेन के साथ मिलकर यमन में हूती विद्रोहियों के 36 ठिकानों पर हमले किए हैं। हूती विद्रोही इस्राइल हमास युद्ध के बाद से ही अमेरिकी ठिकानों और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर लाल सागर और अरब सागर में हमले कर रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार को भी अमेरिका ने इराक और सीरिया में ईरान समर्थित संगठनों और ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड के ठिकानों पर हमला किया। सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति ने सैन्य कमांडर्स को साफ निर्देश दिए हैं कि वह किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार रहें।
बीती 28 जनवरी को जॉर्डन में अमेरिका के सैन्य ठिकाने पर ईरान समर्थित लड़ाकों ने हमला किया था। इस हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। यह ड्रोन हमला इराक में ईरान समर्थित लड़ाकों ने किया था। हालांकि ईरान ने बयान जारी कर दावा किया था कि इस हमले में उसका कोई हाथ नहीं है और लड़ाकों ने खुद यह हमला किया है।
एक और मोर्चा खोलने के पक्ष में नहीं अमेरिका
सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन नहीं चाहते कि पश्चिम एशिया में एक और लड़ाई छिड़े, लेकिन अगर अमेरिका के सैनिकों या नागरिकों पर हमला होगा तो हम सख्ती से उनका जवाब देंगे। सुलिवन ने कहा कि ईरान समर्थित लड़ाकों के खिलाफ कई और कदम उठाए जाएंगे, जिनमें से कुछ दिखाई देंगे और कुछ नहीं दिखेंगे। अमेरिका ने हाल के दिनों में इराक और सीरिया में 85 से ज्यादा ठिकानों पर हमले किए हैं। इनमें मिलिशिया के कमांड और कंट्रोल हेडक्वार्टर, खुफिया सेंटर, हथियारों को स्टोरेज सेंटर को निशाना बनाया गया है।
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