वॉशिंगटन। अमेरिका(America) की ट्रेजरी सेक्रेटरी (Treasury secretary) (वित्त मंत्री) जेनेट येलेन(Janet Yellen) के शिकागो काउंसिल और ग्लोबल अफेयर्स (Chicago Council and Global Affairs) में दिए गए भाषण पर दुनिया भर की निगाहें थीं। इसकी सबसे प्रमुख वजह यह है कि ये भाषण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) की साझा बैठक शुरू होने से ठीक पहले दिया गया। इसलिए यह तय था कि ये भाषण वैश्विक श्रोताओं को ध्यान में रख कर दिया जाएगा। दूसरी वजह यह भी है कि आर्थिक मामलों में जो बाइडन प्रशासन (Joe Biden Administration) की क्या वैश्विक प्राथमिकताएं होंगी, उसका संकेत इस संबोधन से मिलने की उम्मीद की गई थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) की साझा बैठक सोमवार को ही शुरू हुई, जो 11 अप्रैल तक चलेगी।
येलेन ने अपने भाषण में दुनिया के तमाम देशों का आह्वान किया कि वे आयकर की एक न्यूनतम वैश्विक दर (A Minimum Global Rate of Income Tax) तय करें। यानी एक ऐसी दर तय की जाए, जिससे कम इनकम टैक्स रेट कोई देश अपने यहां नहीं रखेगा। गौरतलब है कि बाइडन प्रशासन ने अमेरिका में कॉरपोरेट टैक्स दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। लेकिन इसकी रिपब्लिकन पार्टी और कॉरपोरेट सेक्टर ने यह कह कर आलोचना की है कि टैक्स रेट बढ़ने पर अमेरिकी कंपनियां कारोबार के लिए उन देशों में चली जाएंगी, जहां टैक्स रेट कम है। जेनेट येलेन ने कहा कि पिछले 30 साल से बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपने यहां बुलाने के लिए अलग- अलग देशों के बीच टैक्स रेट घटाने की होड़ रही है। उन्होंने कहा- ‘इसे सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सरकारें टैक्स सिस्टम में स्थिरता रखें, ताकि सार्वजनिक भलाई के कार्यों में निवेश के लिए अधिक राजस्व जुटाया जा सके।’ उन्होंने कहा कि अब अमेरिका जी-20 देशों के साथ मिल कर कोशिश करेगा कि पूरी दुनिया के लिए एक न्यूनतम टैक्स दर तय की जा सके। विश्लेषकों का कहना है कि बाइडन प्रशासन के इस रुख के पीछे अमेरिका की अंदरूनी चुनौतियां हैं। बाइडन प्रशासन ने कॉरपोरेट टैक्स दर को 21 से बढ़ा कर 28 फीसदी करने का प्रस्ताव सामने रखा है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के पहले अमेरिका में कॉरपोरेट टैक्स की दर 35 फीसदी थी। लेकिन ट्रंप ने इसे घटा कर सीधे 21 फीसदी कर दिया था। अब राष्ट्रपति बाइडन ने बीच का रास्ता अपनाते हुए उसे 28 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा है। लेकिन इस प्रस्ताव को सीनेट में मंजूरी मिल पाएगी, इसकी संभावना कमजोर हो गई है। रिपब्लिकन पार्टी इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध पहले से कर रही है। अब डेमोक्रेट सीनेटर जो मेंचिन ने भी कहा दिया है कि वे टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने दावा किया कि उनके अलावा छह से सात अन्य डेमोक्रेट सीनेटर भी इस प्रस्ताव पर खुद को सहज नहीं महसूस कर रहे हैँ। गौरतलब है कि 100 सदस्यीय सीनेट में दोनों पार्टियों के 50 -50 सदस्य हैँ। कंजरवेटिव थिंक टैंक टैक्स फाउंडेशन के एक विश्लेषण के मुताबिक धनी देशों के समूह जी-7 के सदस्य देशों में कॉरपोरेट टैक्स की औसत दर 24 फीसदी है। बाइडन के प्रस्ताव में विदेश में कमाए गए अमेरिकी कंपनियों के मुनाफे पर टैक्स दर को बढ़ा कर 10.5 से 21 फीसदी करने की बात भी शामिल है। लेकिन आलोचकों ने कहा है कि ये दर फिर भी 28 फीसदी से नीचे रहेगी। इसलिए अमेरिकी कंपनियां विदेशों में जाकर कारोबार करने के लिए उत्सुक बनी रहेंगी। बाइडन प्रशासन ऐसी आशंकाओं को दूर करने के प्रयास में है। जेनेट येलेन के भाषण को इसी सिलसिले में देखा जा रहा है। येलेन ने ताजा भाषण के जरिए दुनिया भर के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों को समझाने की कोशिश की कि इस वक्त इन सबका मिल कर साझा रुख अपनाना जरूरी है। उन्होंने कहा- ‘एक वैश्विक न्यूनतम टैक्स दर के जरिए हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि विश्व अर्थव्यवस्था फूले-फले, जिससे आविष्कार, विकास और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो।’ विश्लेषकों के मुताबिक इस टिप्पणी के जरिए एक तरह से येलेन ने यह मान लिया है कि अगर अकेले अमेरिका ने टैक्स बढ़ाने का कदम उठाया, तो उससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है।