वाशिंगटन। कोरोना वायरस(Corona Virus) महामारी(Pandemic) का सामना कर रहे भारत(India) की मदद(Help) के लिए विभिन्न क्षेत्रों से हाथ उठ रहे हैं। अमेरिका (America) ने राहत सामग्री की एक और खेप भारत भेजी (Another consignment of material sent to India) है। ड्यूल्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से विमान राहत सामग्री लेकर रवाना हो चुका है और इस समय इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रास्ते में है। इस अमेरिकी विमान (American aircraft)में ऑक्सीजन सिलिंडर(Oxygen cylinders), टेस्ट किट(test kits) और अन्य सामग्री हैं।
इस विमान के जरिये अमेरिका मदद की तीसरी खेप भेज रहा है। एक अन्य विमान मदद की दूसरी खेप लेकर कुछ देर पहले कैलिफोर्निया से रवाना हुआ था। अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक भारत को अमेरिका से राहत सामग्री भेजने का सिलसिला जारी रहेगा।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत की जरूरतों को लेकर अमेरिका लगातार उसके संपर्क में बना हुआ है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि भारत की जरूरतों के लिए हम लगातार उनके संपर्क में बने रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों की समीक्षा के सिलसिले में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से फोन पर बातचीत की है।
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इस बीच, यूनिसेफ ने 3,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, टेस्ट किट और अन्य सामग्री भारत भेजी है। इसने यह भी कहा है कि टीकाकरण के काम में वह भारत की मदद करेगा।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान एंतोनियो गुतेरस के एक ट्वीट का हवाला दिया। इस ट्वीट में गुतेरस ने कहा था कि कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट के इस दौर में संयुक्त राष्ट्र भारत की जनता के साथ खड़ा है। यूनिसेफ पूर्वोत्तर और महाराष्ट्र में 25 ऑक्सीजन प्लांट खरीदने और उन्हें स्थापित करने में भी मदद कर रहा है।
जहाज निर्माता कंपनी बोइंग ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत को एक करोड़ डालर (लगभग 74 करोड़ रुपये) की मदद करने का एलान किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह राशि चिकित्सा आपूर्ति, आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा और लोगों की मदद कर रहे संगठनों को दी जाएगी। कंपनी ने कहा कि राहत कार्य के लिए वह स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से हाथ मिलाएगी। इसने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वे व्यक्तिगत रूप से भी भारत में राहत कार्य कर रहे परोपकारी संगठनों को दान दे सकते हैं।
दुनिया की प्रमुख भुगतान कंपनी मास्टरकार्ड ने न्यूयार्क स्थित गैरलाभकारी संस्था अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन को 89 लाख डालर (लगभग 66 करोड़ रुपये) देने का एलान किया है। फाउंडेशन इस राशि से भारत में 2,000 पोर्टेबल बेड तैयार करेगा। इस कदम से देश को तत्काल स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि हर बेड वेंटिलेटर से लैस होगा। इसमें चिकित्सा उपकरण और अन्य आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाएगी।
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