नई दिल्ली: एक तरफ चीन की अपनी गिरती इकॉनमी में उसकी नाक में दम किया हुआ है, दूसरी तरफ दुनियाभर के विकसित देशों के कदम उसके लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं. कल एक खबर आई थी कि आने वाले सप्ताह में अमेरिकी संसद में चीन के खिलाफ 28 बिल पेश होने हैं, जिसे कि ‘चाइना वीक’ (China Week) का नाम दिया गया है. व्यापार में चीन के बढ़ते वर्चस्व पर लगाम लगाने के नजरिए से अमेरिका ऐसा कर रहा है. केवल यही नहीं, अमेरिका अपने प्रभाव में आने वाले देशों को भी चीनी ट्रेड पर लगाम लगाने के लिए कह रहा है.
शायद अमेरिका की बात मानकर ही कनाडा ने चीन के कान खींच दिए हैं. कनाडा ने चीन से आयात होने वाली बैटरियों, सेमीकंडक्टर्स और महत्वपूर्ण खनिजों सहित कई चीनी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय लिया है, जिससे चीन तिलमिला उठा है. चीन ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में इस पर परामर्श की अपील की है. समझा जाता है कि यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को और गहरा करता है, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते और खराब हो सकते हैं.
बता दें कि कनाडा ने हाल ही में चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और चीन से इम्पोर्ट होने वाले इस्पात और एल्यूमीनियम पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर से लागू होगा. इसके जवाब में चीन ने शुक्रवार को WTO में परामर्श का अनुरोध किया है. यह भी ध्यान देने लायक है कि कनाडा और चीन के बीच व्यापारिक आंकड़े बताते हैं कि 2024 के पहले आठ महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापार में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई, जो पहले सात महीनों में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि थी.
चीन के एक्सपर्ट्स ने कनाडा की इस कार्रवाई की आलोचना कीहै, जिसमें उसने अमेरिका को फॉलो किया है. चीनी एक्सपर्ट मानते हैं कनाडा की व्यापारिक नीतियां अब चीन के प्रति और भी अधिक शत्रुतापूर्ण हो गई हैं. वह चीनी वस्तुओं पर और भी शुल्क बढ़ा सकता है. हालांकि, इसका परिणाम यह हो सकता है कि चीन कनाडा के खिलाफ भी कोई ऐसा ही एक्शन ले और उसके उत्पादों पर अपने देश में शुल्क बढ़ा दे.
कनाडा की प्रमुख मीडिया आउटलेट ‘द ग्लोब एंड मेल’ की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टीया फ्रीलैंड ने मंगलवार को कहा कि चीन से आने वाले क्लीन एनर्जी प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की 30-दिन की अवधि शुरू हो रही है. इस अवधि के दौरान बैटरी, बैटरी पार्ट्स, सेमीकंडक्टर, महत्वपूर्ण मिनरल, धातुओं और सौर उत्पादों पर शुल्क लगाने की आवश्यकता की समीक्षा की जाएगी.
अमेरिका ने कनाडा के कान में क्या फूंका?
26 अगस्त को, जब कनाडा ने चीनी EVs और अन्य उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क की घोषणा की, उससे एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कनाडा का दौरा किया था. इस यात्रा के दौरान उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की और कनाडा के वार्षिक कैबिनेट रिट्रीट को संबोधित किया.
विशेषज्ञ चेन फेंगयिंग ने कहा कि “अमेरिका चीन के उभरते उद्योगों, जैसे EV और सौर ऊर्जा, पर लगाम लगाने के लिए अपने सहयोगियों पर दबाव डाल रहा है. अमेरिका को डर है कि चीन की ग्रीन इंडस्ट्री में तेजी से बढ़त उसे ग्लोबल ट्रेड में अपने प्रमुख स्थान से अपदस्थ कर सकती है.”
चीन ने खेला इमोशनल कार्ड!
ली ने कहा, “हमें उम्मीद है कि कनाडा अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता नहीं छोड़ेगा, और जिम्मेदार तरीके से अपनी चीनी नीति तय करेगा, जिसमें वह अपने लोगों की भलाई और अपनी अर्थव्यवस्था की गतिशीलता को प्राथमिकता देगा.” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कनाडा ने व्यापारिक मुद्दों को राजनीति से जोड़ने का प्रयास किया, तो इससे उसके आम नागरिकों पर बुरा असर पड़ेगा, जैसे कि अमेरिका में हुआ था, जहां चीनी उत्पादों पर ऊंचे शुल्क लगाने के बाद उपभोक्ताओं को अधिक कीमतें चुकानी पड़ीं.
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