नई दिल्ली। अमेरिका (America) ने भारत (India) की ओर से रूस के कच्चे तेल (Russian crude oil) से बने ईंधन खरीदने पर ऐतराज जताया है। रॉयटर्स के हवाले से खबर में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा (Deputy Governor Michael Patra) ने बताया कि अमेरिकी विभाग ने दावा किया है कि समुद्र में भारतीय जहाजों ने रूसी टैंकर से तेल लिया और उसे पश्चिमी तट पर गुजरात के एक बंदरगाह पर लाया, जहां इसे रिफाइन किया गया और वापस जहाज के जरिए भेज दिया गया। यह ट्रांसफर हाई सी के माध्यम से हो रहा है।
यूक्रेन पर हमला बोले जाने के बाद मास्को पर अमेरिकी प्रतिबंधों ने कच्चे तेल, रिफाइंड फ्यूल, डिस्टिलेट, कोयला और गैस सहित संयुक्त राज्य अमेरिका में रूसी मूल के ऊर्जा उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में पात्रा ने कहा, रिफाइंड ऑयल को उस जहांज पर वापस लाद दिया गया और वह बिना किसी गंतव्य के रवाना हो गया था। हालांकि, भारत में अमेरिकी दूतावास ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में शामिल नहीं हुआ भारत
दरअसल, पात्रा की टिप्पणियां इस तरह की अमेरिकी चिंताओं के लिए भारत का पहला आधिकारिक सार्वजनिक संदर्भ है। यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान करने के बाद भारत रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में शामिल नहीं हुआ है। यहां तक की भारत ने कभी खुलकर रूस की ओर से यूक्रेन पर किए जा रहे हमले की निंदा भी नहीं की है। रूस पर प्रतिबंध लगाने वाले कई देश भारत के शांत रहने के फैसले पर सवाल भी खड़े किए थे, लेकिन तमाम दबाव के बाद भी भारत अब तक अपने दोस्त रूस के खिलाफ एक कदम आगे नहीं बढ़ाया है।
पात्रा ने कहा कि उन्हें बताया गया था कि रूसी कच्चे तेल को संसाधित किया गया था और एक बार इस्तेमाल करने वाले प्लास्टिक बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले डिस्टिलेट में परिवर्तित किया गया था। उन्होंने भारतीय पोत या रिफाइनर की पहचान नहीं की। दुनिया के तीसरे नंबर के तेल आयातक और उपभोक्ता भारत ने अतीत में शायद ही कभी रूसी तेल खरीदा हो, लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद से, भारतीय रिफाइनर रूसी तेल को ले रहे हैं।
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