न्यूयॉर्क (New York) । इजरायल (Israel) का हर मोर्चे पर साथ देने वाले अमेरिका (America) ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में उसके खिलाफ आए प्रस्ताव पर राह अलग कर ली। गाजा (Gaza) में मानवीय सहायता के लिए युद्ध (war) रोकने की मांग वाला प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से पारित हो गया है। इस प्रस्ताव को स्थायी और 10 अस्थायी सदस्यों ने समर्थन दिया और किसी ने भी विरोध नहीं किया। वहीं इजरायल के प्रबल समर्थक अमेरिका, ब्रिटेन और रूस इस पर वोटिंग से ही गैरहाजिर रहे। यह भी दिलचस्प बात है कि आमतौर पर अलग-अलग राह पकड़ने वाले या विरोधी खेमे में रहने वाले अमेरिका और रूस भी इस बार साथ नजर आए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में कहा गया है कि गाजा में मानवीय सहायता के लिए कॉरिडोर बनाया जाए। इसके युद्ध रोका जाए और जरूरी मदद लोगों को मिले। इस प्रस्ताव को पेश किए जाने के दौरान अमेरिका ने हमास की निंदा न करने पर सवाल भी उठाया, लेकिन वोटिंग की बात आई तो गैरहाजिर हो गया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की प्रतिनिधि लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा, ‘हम इस बात से हैरान हैं कि परिषद के कई सदस्यों ने हमास के आतंकी हमले की निंदा तक नहीं की है। इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमास ने बर्बर हमला किया था, उसके बाद ही वह बचाव में हमले कर रहा है।’
लिंडा थॉमस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र से हमारी यह अपील जारी रहेगी कि सभी एक मत से हमास के हमले की निंदा करें। अमेरिका ने कहा कि इस प्रस्ताव की हम निंदा करते हैं कि क्योंकि इसमें हमास को लेकर कुछ कहा ही नहीं गया। वहीं यूके ने भी कहा कि यह दुख की बात है कि इस प्रस्ताव में हमास की आलोचना नहीं की गई है। हालांकि ब्रिटेन ने यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि बेगुनाहों की जान न जाए, लेकिन हमास की निंदा भी होनी चाहिए थी। वहीं रूस ने वोटिंग से दूर रहने की अलग ही वजह बताई।
रूस ने बताया क्यों वह भी अमेरिका की तरह वोटिंग से दूर
सयुक्त राष्ट्र में रूस की प्रतिनिधि वैसिली नेबेन्जया ने कहा कि इस प्रस्ताव में तत्काल युद्ध रोकने का प्रस्ताव नहीं है। इसलिए हमारा समर्थन नहीं है। रूस ने कहा कि किसी भी तरह की मानवीय सहायता के लिए यह जरूरी है कि युद्ध को तत्काल रोक दिया जाए। दरअसल प्रस्ताव में तत्काल युद्ध रोकने की बात नहीं है बल्कि यह कहा गया है कि मानवीय प्रस्ताव के लिए युद्ध को विराम दिया जाए। इसके अलावा गाजा पट्टी में जरूरी सेवाओं को न रोकने की भी अपील की गई है।
इजरायल बोला- 6 सप्ताह में 10 मीटिंगें, पर हमास पर चुप UNSC
हालांकि इस प्रस्ताव को इजरायल ने सिरे से खारिज किया है। इजरायल के प्रतिनिधि ब्रेट जोनाथन मिलर ने कहा कि यूएनएससी का प्रस्ताव सच्चाई से परे है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में इजरायल से भले अपील की गई है, लेकिन हमास को लेकर चुप्पी दिखती है। इजरायल ने कहा कि यह प्रस्ताव तो आतंकी संगठनों पर कोई बात ही नहीं करता। यही नहीं UNSC पर ही सवाल उठाते हुए इजरायल ने कहा कि परिषद ने पिछले 6 सप्ताह में 10 बैठकें कर ली हैं, लेकिन एक बार भी हमास को लेकर कुछ नहीं कहा।
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