वॉशिंगटन: गाजा पट्टी (Gaza Strip) के खिलाफ इजरायली (Israeli) कार्रवाई के विरोध में मालदीव (Maldives) की सरकार ने बड़ा फैसला लिया। मालदीव की मुइज्जू सरकार (Muizzu Government) ने इजरायली पासपोर्ट (Passport) धारकों को देश में आने से रोक दिया। मालदीव के इस कदम के बाद अब अमेरिका (America) भड़क गया है। एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सांसद मालदीव को इस बैन से रोकने के लिए कानून बना रहे हैं। मालदीव एक छोटा मुस्लिम बहुल टापू देश है जो अपने लग्जरी पर्यटन स्थल के लिए मशहूर है। इस सप्ताह वह गाजा के खिलाफ इजरायली युद्ध के जवाब में पासपोर्ट प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश बन गया।
कितने इजरायली जाते हैं मालदीव?
मुइज्जू ने फिलिस्तीनी जरूरतों का आकलन करने के लिए एक विशेष दूत भी नियुक्त किया है और ‘फिलिस्तीन के साथ एकजुटता में मालदीव’ नाम का फंडरेजर अभियान शुरू किया है, जो गाजा को सहायता देगा। पिछले साल लगभग 11,000 इजरायलियों ने मालदीव का दौरा किया था। इजरायली पासपोर्ट को बैन करना सांकेतिक रूप से बड़ा फैसला है। मालदीव उन अन्य 27 मुस्लिम-बहुल देशों में शामिल हो गया है, जहां इजरायली पासपोर्ट धारकों पर लंबे समय से प्रतिबंध है।
मालदीव ने मारी अपने पैर पर कुल्हाड़ी
जोश गोटेहाइमर का कहना है कि करदाताओं के डॉलर को किसी भी ऐसे देश में नहीं भेजना चाहिए, जिसने इजरायली नागरिकों को अपने देश में यात्रा से रोक रखा है। उन्होंने कहा, ‘इजरायल न केवल हमारे सबसे महान लोकतांत्रिक सहयोगियों में से एक है, बल्कि मालदीव की अभूतपूर्व यात्रा प्रतिबंध यहूदी घृणा के अलावा और कुछ नहीं है। उन्हें अमेरिकी डॉलर का एक फीसदी भी नहीं मिलना चाहिए, जब तक कि वे अपना रास्ता नहीं बदलते।’ यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट और स्टेट डिपार्टमेंट के मुताबिक अमेरिका ने 2019 से 2023 के बीच मालदीव को 3.6 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता दी है।
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