• img-fluid

    भारत-अमेरिका के सैन्य अभ्यास से बौखलाया चीन, कहा- तीसरे पक्ष की दखलंदाजी नहीं करेंगे बर्दाश्त

  • August 26, 2022

    नई दिल्‍ली । अमेरिका (America) के साथ भारत (India) के प्रस्तावित युद्ध अभ्यास (war exercise) का चीन (China) ने जोरदार विरोध किया है. चीन ने कहा है कि वह बॉर्डर से जुड़े विवाद (border dispute) में तीसरे पक्ष के दखल देने के सख्त खिलाफ है. भारत अमेरिका के साथ अक्टूबर में उत्तराखंड के औली में एक मेगा युद्ध अभ्यास करने वाला है. चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि भारत उस द्विपक्षीय समझौते का पालन करेगा जिसमें दोनों देश इस बात पर सहमत हुए है कि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास युद्ध अभ्यास नहीं करेंगे. हैरानी की बात यह है कि चीन पूर्वी लद्दाख में इसी समझौते का उल्लंघन कर रहा है. जिससे लंबे समय तक दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति रही.

    चीन के मिलिट्री ऑफ नेशनल डिफेंस के सीनियर कर्नल तान केफेई ने अक्टूबर में भारत और अमेरिका के विशेष सैन्य बलों द्वारा हिमालय के दक्षिणी इलाकों में युद्ध अभ्यास की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीनियर कर्नल तान केफेई ने कहा, “चीन और भारत के बीच सीमा विवाद में हम किसी भी तीसरे पक्ष की दखलंदाजी का पुरजोर विरोध करते हैं.”


    कर्नल तान ने कहा कि चीन हमेशा से इस बात पर जोर देता रहा है कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग, खासकर युद्ध अभ्यास और ट्रेनिंग से जुड़ी गतिविधियां किसी तीसरे देश को टारगेट करके नहीं होनी चाहिए. बजाय इसके इसका उद्देश्य क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने का होना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन और इंडिया का सीमा विवाद दो देशों के बीच का है और दोनों ही देशों ने सभी स्तरों पर प्रभावी बातचीत की है और संवाद के जरिए समस्या का हल निकालने पर सहमत हुए हैं.

    चीन का कहना है कि भारत और चीन की सरकारों के बीच 1993 और 1996 में हुए समझौतों के आलोक में कोई भी पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा के आस-पास सैन्य समझौता नहीं कर सकता है. कर्नल तान ने कहा, “उम्मीद है कि भारतीय पक्ष दोनों देशों के नेताओं और संबंधित समझौतों के बीच बने महत्वपूर्ण सहमति का सख्ती से पालन करेगा, और द्विपक्षीय चैनलों के माध्यम से सीमा से जुड़े मुद्दों को हल करने की अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखेगा, और व्यावहारिक रूप से बॉर्डर क्षेत्र में शांति बनाए रखेगा.”

    भारत ने इस मुद्दे पर चीन की आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया है. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन द्वारा तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप करना पूरी तरह संदर्भ से बाहर है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “मैं तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से जुड़े चीन के बयान को नहीं समझ पा रहा हूं. भारत-अमेरिका का अभ्यास कुछ पूरी तरह से अलग है और मुझे नहीं पता कि इसे क्या रंग दिया गया है कि इसे किसी को टारगेट में रखकर किया जा रहा है या यह सैन्य अभ्यास किसी मौजूदा समझौते का उल्लंघन कर रहा है.”

    बता दें कि भारत ने सीमा पर चीन की किसी भी हिमाकत का जोरदार जवाब दिया है और कहा है कि दीर्धकालीन संबंध एकतरफा नहीं हो सकते हैं इसके लिए दोनों देशों का एक दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करना जरूरी है.

    Share:

    पाकिस्तान ने ब्रह्मोस मिसाइल 'चूक' मामले में भारत की कार्रवाई को बताया ‘अपर्याप्त’

    Fri Aug 26 , 2022
    इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) ने नौ मार्च को दुर्घटनावश ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) गिरने की घटना पर भारत (India) की कार्रवाई को ‘अपर्याप्त’ बताते हुए खारिज कर दिया और इस मामले में साझा जांच की मांग की। बता दें, भारत ने घटना की उच्चस्तरीय जांच (high level investigation) में जिम्मेदार भारतीय वायुसेना के तीन अफसर (Three […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved