नई दिल्ली. अमेरिका (America) के राष्ट्रपति (President) डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने डेमोक्रेटिक विरोधियों (Democratic opponents) के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. ट्रंप ने पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris), पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन (Hillary Clinton) और अन्य कई नेताओं की ‘सिक्योरिटी क्लीयरेंस’ रद्द कर दी है. इससे पहले ट्रंप ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ भी ऐसा ही एक्शन लिया था. ट्रंप के इस फैसले के बाद अब कमला हैरिस और क्लिंटन अमेरिकी सरकार से जुड़ें सीक्रेट फाइलों को नहीं देख पाएंगें. ऐसा करके ट्रंप ने चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया है.
ट्रंप ने अपने फैसले में कहा कि मैंने ये फैसला लिया है कि अब ये लोग सीक्रेट फाइल तक पहुंच नहीं सकेंगे. क्योंकि इनकी यहां तक पहुंच अब राष्ट्रीय हित में नहीं है. हालांकि, ये फैसला तत्काल रूप से लागू नहीं होगा लेकिन इस कदम ने अमेरिका में सियासी हलचल बढ़ा दी है.
दरअसल, ट्रंप का ये कदम इसलिए चर्चा में है क्योंकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों को पारंपरिक रूप से खुफिया ब्रीफिंग मिलती रही है ताकि वे मौजूदा राष्ट्रपतियों को राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर सलाह दे सकें. हालांकि, बाइडेन ने भी ट्रंप के लिए 2021 में इसी तरह की पाबंदी लागू की थी.
डोनाल्ड ट्रंप आने के बाद से कई काम कर रहे हैं, जिनमें से एक है कई गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करना. ट्रंप प्रशासन ने हाल में राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की साल 1963 में हुई हत्या से जुड़ी फाइल्स जारी कीं. इसके अलावा वियतनाम से जुड़े पेंटागन पेपर भी ट्रंप पहले कार्यकाल में ही डीक्लासिफाई कर चुके ताकि जनता को कई नई बातें पता लगें.
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