वाशिंगटन (washington)। चीन और अमेरिका के बीच दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में विवादित पारासेल द्वीप समूह (disputed paracel islands) को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है। चीन दक्षिण चीन सागर (china south china sea) के लगभग पूरे हिस्से पर अपना दावा करता है, जबकि अमेरिका इसका विरोध करता है। अेमेरिकी नौसेना (US Navy) द्वारा दक्षिण चीन सागर में विवादित पारासेल द्वीप समूह के पास एक विध्वंसक पोत भेजे जाने के बाद चीन ने इसके ‘‘गंभीर परिणाम’’ भुगतने की धमकी दी और इस कदम को अपनी सुरक्षा एवं संप्रभुता का उल्लंघन बताया।
तो दूसरी ओर अब अमेरिका ने भी चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह दक्षिण चीन सागर में अपनी भड़काऊ और असुरक्षित हरकतों को बंद कर दे। अमेरिका का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों में तनाव एक घटना के बाद बढ़ा है, जिसमें फिलीपींस कोस्ट गार्ड की एक नौका, चीन के जहाज से टकराने से बच गई। गौरतलब है कि फिलीपींस के राष्ट्रपति भी जल्द अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं।
दरअसल, रविवार को फिलीपींस कोस्ट गार्ड ने दुनियाभर के कई पत्रकारों को अपने जलक्षेत्र में द्वीप और जलीय सीमा दिखाने के लिए आमंत्रित किया है। जब पत्रकारों को लेकर जा रही फिलीपींस की नौका स्प्रेटली द्वीप के पास पहुंची तो सामने से चीन के कोस्ट गार्ड का जहाज आ रहा था, जो साइज में फिलीपींस की नौका से दोगुना था। दोनों जहाज जब कुछ ही कदमों की दूरी पर रह गए तब तक भी चीन का जहाज रास्ते से नहीं हटा और दोनों नौका और जहाज टकराने की स्थिति में लगभग पहुंच ही गए थे कि फिलीपींस के कोस्ट गार्ड के जवानों ने बामुश्किल अपनी नौका को रास्ते से हटाया। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर फिलीपींस पर ही भड़काने वाली हरकतें करने का आरोप लगा दिया है।
वहीं चीन के आरोप पर फिलीपींस ने कहा है कि उनकी नौका अपने जलक्षेत्र में पेट्रोलिंग कर रही थी और यह किसी भी तरह से भड़काऊ कार्रवाई नहीं है। फिलीपींस ने ये भी कहा कि वह आगे भी अपने जलक्षेत्र में इसी तरह पेट्रोलिंग करते रहेंगे। बता दें कि अमेरिका ने फिलीपींस में हाल ही में विवादित स्प्रेटली द्वीप के पास चार नए मिलिट्री बेस बनाए हैं, जबकि पांच बेस पर पहले से ही अमेरिका के जवान तैनात हैं। यही वजह है कि चीन भड़का हुआ है।
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