वॉशिंगटन। इस्राइल और हमास के बीच दो महीने से अधिक समय से जंग जारी है। इस बीच खबर आ रही है कि अमेरिकी सेना ने हिजबुल्लाह और उससे संबंधित गुटों के ठिकाने पर हमला किया है। बताया जा रहा है कि पहले इन लोगों की तरफ से तीन अमेरिकी जवानों पर हमला किया गया था। उसके बाद अमेरिकी सेना ने इराक में ईरान समर्थित बलों के तीन ठिकानों पर हमले किए। रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने इन हमलों को जरूरी बताया।
अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस यानी रक्षा सचिव ने इस हमले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर अमेरिका के खतरनाक लड़ाकू विमानों ने कताइब हिजबुल्लाह और उसके संबंधित गुटों के तीन अहम ठिकानों पर हमला किया। ये हमले इराक और सीरिया में अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ ईरानी-प्रायोजित मिलिशिया द्वारा किए गए हमलों के जवाब में किए गए हैं।
ऑस्टिन ने बताया कि आज के हमले में तीन अमेरिकी कर्मी घायल हो गए और उनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। हम सभी की प्रार्थनाएं घायल जवानों के साथ हैं।
अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा, ‘मैं यह स्पष्टना करना चाहता हूं कि राष्ट्रपति बाइडन और मैं अमेरिका, उनके सैनिकों और उनके हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे। हमारे लिए इससे बड़ी कोई प्राथमिकता नहीं है। हालांकि, हम क्षेत्र में संघर्ष को बढ़ाना नहीं चाहते हैं। हम अपने लोगों और अपनी सुविधाओं की सुरक्षा के लिए और जरूरी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध और पूरी तरह से तैयार हैं।’
कातिब हिजबुल्ला एक शिया मिलिशिया है, जिसकी स्थापना 2007 में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के समर्थन से हुई थी। अमेरिका ने 2009 में कताइब हिजबुल्ला को ‘विदेशी आतंकवादी संगठन’ घोषित किया था और इराक में अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना के खिलाफ हिंसा के लिए इसके महासचिव अबू महदी अल मुहांदिस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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