वाशिंगटन (Washington)। अमेरिका और ब्रिटेन (America and Britain) ने अन्य कई देशों के साथ मिलकर यमन में हूती विद्रोहियों (Houthi rebels in Yemen) के 18 ठिकानों पर हमले (Attacks on 18 positions) किए हैं। बता दें, हूती विद्रोही (Houthi rebels) इस्राइल हमास युद्ध (Israel-Hamas war) के बाद से ही अमेरिकी ठिकानों और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग ( international shipping) रूट पर लाल सागर और अरब सागर में हमले कर रहे हैं।
इन देशों का मिला समर्थन
ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के समर्थन से संयुक्त हमले शनिवार रात 11 बजकर 50 मिनट पर किए गए।
इन जगहों को बनाया लक्ष्य
अमेरिका की मध्य कमान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, ’24 फरवरी को करीब 11 बजकर 50 मिनट पर अमेरिका और ब्रिटेन के सशस्त्र बलों ने ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के सहयोग से यमन के ईरानी समर्थित हूती विद्रोहियों के 18 ठिकानों पर हमला किया।’ सेना ने आगे बताया कि हूती के उन ठिकानों को लक्ष्य बनाया गया, जहां से वह अंतरराष्ट्रीय व्यापारी जहाजों और नौसैनिक जहाजों पर हमला करते थे।
लापरवाह और गैरकानूनी हमलों को रोकना
सेना ने बताया, ‘जिन ठिकानों पर हमला किया गया उनमें हूती भूमिगत हथियार भंडारण सुविधाएं, मिसाइल भंडारण सुविधाएं, एकतरफा हमला मानव रहित हवाई प्रणाली, वायु रक्षा प्रणाली, रडार और एक हेलीकॉप्टर शामिल था। इन हमलों का उद्देश्य हूती क्षमता को कम करना और लाल सागर, बाब एआई-मंडेब जलडमरूमध्य और अदन की खाड़ी में अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक और अमेरिकी व ब्रिटेन के जहाजों पर उनके निरंतर लापरवाह और गैरकानूनी हमलों को रोकना है।’
भागीदारों और सहयोगियों की रक्षा करना मकसद
अमेरिका के सैनिकों ने कहा, ‘इस हमले का मकसद क्षेत्र में खुद को, हमारे भागीदारों और सहयोगियों की रक्षा करना है। लाल सागर और आसपास के जलमार्गों में अमेरिका और साझेदार बलों को धमकी देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हूती क्षमताओं को नष्ट करके नेविगेशन की स्वतंत्रता को बहाल करना है। ये हमले ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन के तहत किए गए नेविगेशन कार्यों की बहुराष्ट्रीय स्वतंत्रता से अलग हैं।’
अमेरिका को बना रहा निशाना
बता दें, गाजा में हो रहे इस्राइल हमलों से मध्यपूर्व बौखलाया हुआ है। मध्यपूर्व गाजा में हो रहे हमलों का कारण अमेरिका को मानता है। इसी वजह से हूती विद्रोही अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों के खिलाफ हमले कर रहे हैं। साथ ही कभी ईरान तो कभी जॉर्डन को कभी सीरिया में अमेरिकी सेना और अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर हमले हो रहे हैं। हाल ही में तुर्किये में दो बंदूकधारी एक अमेरिकी कंपनी में घुस गए, उन्होंने कंपनी में मौजूद सात लोगों को को बंधक बना लिया था।
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