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    अमेरिका ने चीनी बायोटेक फर्मों को किया ब्‍लैकलिस्‍ट, जानें ये है बड़ा कारण

  • December 17, 2021

    वॉशिंगटन। संयुक्त राज्य अमेरिका (America) ने चीनी बायोटेक फर्मों को ब्लैकलिस्ट (Blacklists Chinese Biotech Firms) कर दिया है. इन पर आरोप है कि ये उईगर अल्‍पसंख्‍यकों पर निगरानी और नियंत्रण (Monitoring and Control of Uyghur Minorities) करने की कोशिश कर रही थीं. अमेरिकी वाणिज्य विभाग (US Department of Commerce) ने यह फैसला किया है. इसमें कहा गया है कि चीन के सैन्य चिकित्सा विज्ञान अकादमी(Chinese Academy of Military Medical Sciences) और इसके 11 शोध संस्थानों के साथ अमेरिका(US) अब कोई काम नहीं करेगा. इनके साथ अमेरिका(America) ने ‘कथित मस्तिष्क-नियंत्रण हथियार’ सहित अपने जैव प्रौद्योगिकी कार्य पर प्रतिबंधित कर दिया है. अमेरिका ने इस रवैये से बौखलाए चीन(china) ने कहा है कि वह अमेरिका के इस दमनकारी निर्णय का समर्थन नहीं करता है. चीन ने कहा कि चीन की कंपनियों का दमन का प्रयास सफल नहीं होगा.



    अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने कहा है कि जैव प्रौद्योगिकी और चिकित्सा नवाचार की वैज्ञानिक खोज जीवन बचा सकती है. इसके ठीक विपरीत चीन इनका गलत उपयोग कर रहा है. वह अपने लोगों पर नियंत्रण, जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों के दमन के लिए इन तकनीकों का उपयोग करना चुन रहा है. उन्‍होंने कहा कि हम ऐसे कामों के लिए अमेरिकी वस्तुओं, प्रौद्योगिकियों और सॉफ्टवेयर को अनुमति नहीं दे सकते जो अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के अनुकूल नहीं हैं. हम चिकित्सा विज्ञान और जैव-तकनीकी के नवाचार का समर्थन करते हैं, लेकिन इसके दुरपयोग को रोकना चाहेंगे.

    अमेरिकी प्रतिबंध का चीनी शेयर बाजार पर असर
    अमेरिका के प्रतिबंध लगाते ही चीनी कंपनियोंं के शेयरों में तेज गिरावट आ गई है. चीनी स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी फर्मों के शेयर लड़खड़ा गए हैं. व्यापक सूचकांक में 0.87 प्रतिशत की गिरावट के मुकाबले इस क्षेत्र पर नज़र रखने वाले मुख्य सूचकांक से 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक समाचार ब्रीफिंग में कहा, कि बीजिंग अपनी कंपनियों के अमेरिकी दमन का विरोध कर रहा था और स्थिति कैसे विकसित हुई, इस पर पूरा ध्यान देगा.

    उईगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के 10 लाख लोगों को लिया हिरासत में
    संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों और अधिकार समूहों का अनुमान है कि चीन के पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग में बने शिविरों में हाल के वर्षों में दस लाख से अधिक लोगों, मुख्य रूप से उईगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है. वहीं कुछ विदेशी सांसदों ने इन शिविरों के अंदर जबरन नसबंदी और मौतों के सबूतों का हवाला देते हुए उईगरों के इलाज को नरसंहार के रूप में चिह्नित किया है. चीन ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उइगर जनसंख्या वृद्धि, राष्ट्रीय औसत से अधिक है.

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