वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति (President) डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल उनकी और उनके करीबी अरबपति कारोबारी एलन मस्क (elon musk) की लाख कोशिशों के बावजूद विस्कोंसिन (Wisconsin) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सीट से डेमोक्रेट (Democrat) पार्टी समर्थित सुसन क्राफोर्ड (Susan Crawford) चुनाव जीत गई हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से उदारवादी जजों का बहुमत हो गया है। सुसन के जीतने का असर ये होगा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लाई गई गर्भपात अधिकार आदि अहम नीतियों को सुप्रीम कोर्ट में रोका जा सकता है।
चुनाव में खर्च हुआ रिकॉर्ड तोड़ पैसा
सुसन क्राफोर्ड, डेन काउंटी की जज हैं और उन्होंने यूनियन पावर और गर्भपात अधिकार जैसे कानूनी मामलों की लड़ाई लड़ी है। सुसन क्राफोर्ड ने चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी समर्थित जज ब्रैड शीमेल को हराया। विस्कोंसिन सुप्रीम कोर्ट का चुनाव कई मायनों में खास रहा क्योंकि इस चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ खर्च हुआ। इस खर्च से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये चुनाव कितना अहम था। यह चुनाव अमेरिका की राजनीति का छद्म युद्ध बन गया था। राष्ट्रपति ट्रंप, एलन मस्क ब्रैड शीमेल का समर्थन कर रहे थे और इसके लिए उन्होंने बहुत पैसा भी खर्च किया। वहीं क्राफोर्ड का समर्थन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और जॉर्ज सोरोस जैसे अरबपति कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से उदारवादी धड़े का बहुमत हुआ
राष्ट्रपति चुनाव के बाद यह पहला बड़ा चुनाव था और यह एक तरह से राष्ट्रपति ट्रंप के बीते करीब दो महीने के कार्यकाल का लिटमस टेस्ट भी था। एलन मस्क ने रविवार को विस्कोंसिन में एक रैली भी की, जिसमें उन्होंने मतदाताओं को 10 लाख डॉलर के चेक वितरित किए। हालांकि इस सबके बावजूद ट्रंप और मस्क समर्थित ब्रैड शीमेल को हार का सामना करना पड़ा। अब सुसन क्राफोर्ड की जीत के साथ ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में उदारवादी धड़े का बहुमत 4-3 का हो गया है और साल 2028 तक बहुमत उदारवादी धड़े के पास ही रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट आने वाले दिनों में गर्भपात अधिकार, पब्लिक सेक्टर यूनियन, वोटिंग के अधिकार जैसे अहम मुद्दों पर अपना फैसला देगा। राष्ट्रपति ट्रंप देश में रिपब्लिकन पार्टी का एजेंडा लागू करना चाहते हैं, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में उदारवादी धड़े के बहुमत से उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। एलन मस्क और रिपब्लिकन गुट ने इस चुनाव में 2.1 करोड़ डॉलर खर्च किए। मस्क ने शीमेल के लिए प्रचार भी किया। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी उन्हें समर्थन दिया। वहीं क्राफोर्ड के समर्थन में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे टिम वाल्ज और अरबपति जॉर्ज सोरोस ने चुनाव प्रचार और फंडिंग की। इस चुनाव में करीब 9.9 करोड़ डॉलर खर्च का अनुमान है, जो इसे सुप्रीम कोर्ट के इतिहास का सबसे महंगा चुनाव बनाता है।
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