नई दिल्ली (New Delhi) । अमेरिका (America) को उस वक्त फजीहत झेलनी पड़ी, जब उनके विदेश विभाग (State Department) के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), कांग्रेस (Congress) के फ्रीज खातों और खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर बयान दे रहे थे और उनसे पाकिस्तान (Pakistan) पर सवाल पूछ लिया गया। मिलर से सवाल किया गया कि वे केजरीवाल पर खूब बोलते हैं लेकिन, पाकिस्तान में विपक्षी नेताओं को जेल में ठूंसने पर चुप क्यों हैं? सवाल सुनकर मिलर पहले तो सकपका गए और औपचारिक बयान देकर कन्नी काटने की कोशिश की। जब पत्रकार ने फिर सवाल करना चाहा तो उन्होंने किसी दूसरे से सवाल पूछने का आग्रह कर डाला।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर बुधवार को प्रेसवार्ता में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि विदेश विभाग भारतीय विपक्षी नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर तो अपना रुख लगातार दे रहा है, लेकिन पाकिस्तान पर चुप क्यों है? पाकिस्तान में विपक्ष के बड़े नेता इमरान खान लंबे समय से जेल में बंद हैं?
सवाल पर अमेरिका ने काट ली कन्नी
मैथ्यू मिलर पहले तो सवाल सुनकर सकपका गए। फिर उन्होंने दो लाइन में जवाब देकर कन्नी काटने की कोशिश की। मिलर ने कहा कि दोनों मामलों को एक रूप में नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि मैं उस चरित्र-चित्रण से सहमत नहीं हूं। हमने कई अवसरों पर इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान में भी कानून और मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए।
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लंबे समय से जेल में बंद हैं। उन पर कई मामलों में सुनवाई चल रही है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में इमरान की पार्टी से समर्थित उम्मीदवारों ने सर्वाधिक 91 सीट जीती थी। लेकिन, बहुमत हासिल नहीं कर पाए। इमरान ने आरोप लगाया था कि नवाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना ने मिलकर चुनावी नतीजों में धांधली की है।
अमेरिकी दखलअंदाजी पर भड़क चुके हैं जयशंकर
पहले जर्मनी और फिर अमेरिकी सरकार की तरफ से केजरीवाल और कांग्रेस के फ्रीज खातों को लेकर की गई टिप्पणियों के जवाब में जयशंकर भड़क चुके हैं। मंगलवार को उन्होंने एक बयान में कहा कि किसी भी राष्ट्र को दूसरे राष्ट्र के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने मामले में जोर देकर कहा था कि यह बुरी आदत है, इस पर देशों को मर्यादा रखनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत अपने हिसाब के ऐक्शन लेगा। बता दें कि अमेरिका के केजरीवाल को लेकर दिए बयान के बाद विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राजनयिक को तलब किया था। अमेरिका ने कहा कि था वे अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस के फ्रीज खातों को लेकर चल रही घटनाओं के बाद लगातार भारत पर नजर रख रहे हैं।
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