सिवनी: मध्यप्रदेश सरकार के लाख दावों के बावजूद भी प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था खाट में दिखाई दे रही है. हालात यह हो गए हैं कि गांव में कोई बीमार हो या फिर किसी महिला की डिलेवरी के लिए हॉस्पिटल ले जाना हो तो उसे खाट पर लिटाकर 5 किलोमीटर दूर पैदल लेकर जाना पड़ता है. प्रशासन सुनने को तैयार नहीं तो गांववालों के पास और कोई रास्ता नहीं बचता है. दरअसल गांव तक आने-जाने का रास्ता खराब पड़ा है. इस रास्ते पर न तो गांवीणों के वाहन चल सकते हैं न ही एंबुलेंस पहुंच सकती है.
सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र घंसौर के बखारी गांव से 5 किलोमीटर का चटगांव तक का सड़क मार्ग बेहद खराब है. स्कूली बच्चे और गर्भवती महिलाओं सहित बीमार लोगों को आने-जाने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. देश के आजाद होने के बाद अभी तक इस गांव की सड़क नहीं बनी है. इसी वजह से प्रशासन की नजरअंदाजी का खामियाजा गांवीणों को चुकाना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि बखारी गांव में रहने वाले एक 17 साल के युवक का अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया.
नहीं आई एंबुलेंस
गांववालों को जब इस बात की जानकारी लगी तो एंबुलेंस को खबर दी गई. लेकिन सड़क खराब होने की वजह से एंबुलेंस चालक ने गांव तक आने से साफ इनकार कर दिया. एंबुलेंस चालक ने तर्क दिया कि गांव की रोड बहुत खराब है गाड़ी नहीं पहुंच पाएगी. घंटों बीत जाने के बाद जब युवक का स्वास्थ्य और खराब होने लगा तो परिजनों ने गांववालों की मदद से बीमार युवक को चारपाई पर लिटाया और इलाज के लिए लेकर निकल पड़े.
सड़क पर वाहन नहीं चलेंगे
गांववालों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश के चलते सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है, जिसके चलते भारी समस्या आ रही है. जिसके कारण मजबूरी में परिजन एक बच्चे को खटिए पर डालकर अस्पताल ले जाने को मजबूर हो गए. वही गांवीणों का कहना है कि सड़क की मांग को लेकर कई बार उन्होंने शासन प्रशासन को आवेदन भी दिया लेकिन इसके बावजूद भी आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ.
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