नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया में अपनी 10वीं सालगिरह मना रही है. 2013 में, अमेजन ने ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च करके भारत में अपना सफर शुरू किया. कंपनी ने पिछले एक दशक में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन कंपनी भविष्य के लिए उम्मीदों से भरी है. 10 साल के सफर में कॉस्ट कटिंग, हजारों कर्मचारियों की छंटनी और कुछ कारोबार ठप होने जैसी कड़वाहट भी आई हैं. इन सब बातों से परे कंपनी आने वाले कल की ओर देख रही है और पूरी तैयारी के साथ भारत में अपना सफर जारी रखेगी.
कोविड के कारण लगे लॉकडाउन ने अमेजन को काफी फायदा पहुंचाया. ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए कंपनी ने अच्छा बिजनेस हासिल किया. अमेजन के लिए कॉमर्स बिजनेस बहुत मायने रखता है. कंपनी ने सप्लाई चेन, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग जैसा बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए 6.5 बिलियन डॉलर (करीब 53,500 करोड़ रुपये) का निवेश किया है, जो भारत में काम करने के समय मौजूद नहीं था.
1 लाख करोड़ का निवेश
2021 में अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस ने सीईओ का पद छोड़ दिया. उनके बाद एंडी जेसी ने सीईओ का पद संभाला. जेसी ने पूरा फोकस लागत कम करके मुनाफा बढ़ाने पर लगाया. वहीं, 25 साल से लिस्टेड कंपनी के लिए बेजोस की स्ट्रेटिजी प्रॉफिट को दरकिनार कर ग्रोथ बढ़ाने पर थी.
एक इंटरव्यू में ई-कॉमर्स किंग में अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) के सीईओ एडम सेलिप्सकी ने कहा कि कंपनी इंडिया में बिजनेस को फैलाना जारी रखेगी. देश में बिजनेस की रफ्तार बढ़ाने के लिए अमेजन 2030 तक 12.7 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपये) इन्वेस्ट करेगी.
इंडिया के हर कोने में कैसे पहुंची अमेजन
2013 एक ऐसा समय था जब ऑनलाइन सामान मंगाने पर लोगों का ज्यादा विश्वास नहीं था. ऐसे में लोगों के बीच विश्वास जगाना जरूरी था. इंडिया में हर जगह इंटरनेट की बेहतरीन कनेक्टिविटी नहीं थी. ऐसे में कंपनी ने कुछ अलग करने की सोची.
इनके अलावा अमेजन फ्रेश और अमजेन फॉर्मेसी जैसी सर्विसेज के साथ अमेजन इंडियन मार्केट में एक बड़ा और मजबूत ब्रांड बन चुका है. हालांकि, सरकारी नियमों की वजह से कंपनी को Cloudtail जैसे बिजनेस बंद करने पड़े हैं. अब कंपनी का टारगेट है कि वो अगले कुछ सालों में इंडिया से 20 अरब डॉलर (लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये) का एक्सपोर्ट करे.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved