इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

साढ़े 5 करोड़ का पेट्रोल पम्प भी खरीद लिया निगम में डाली डकैती के पैसों से


अब तक 16 फर्मों की जानकारी उजागर, 140 करोड़ तक पहुंच गया है फर्जी बिल महाघोटाला

अग्निबाण एक्सपोज… असलम की पत्नी और भाई सहित रिश्तेदारों के नाम खरीदी करोड़ों की अचल सम्पत्तियां, असल फाइलें चुराने वाले सहित अन्य फर्मों के कर्ताधर्ता भी हो गए फरार, लेखा शाखा जुटा रही है 15 साल का ब्योरा

इंदौर, राजेश ज्वेल
नगर निगम (municipal corporation) के खजाने (treasures) पर फर्जी बिलों (fake bills) को प्रस्तुत कर जो करोड़ों रुपए की डकैतियां (robbery) ठेकेदारों और अफसरों-कर्मचारियों (Contractors and officers-employees) ने मिलकर डाली, उससे बड़े पैमाने पर अचल सम्पत्तियों (properties) पर निवेश किया गया। अग्निबाण ने ही निगम के चर्चित करोड़पति और बर्खास्त बेलदार असलम खान का कनेक्शन इस महाघोटाले (mega scam) में ढूंढ निकाला था, जो सही भी साबित हुआ और उसके भाई, मां सहित अन्य की फर्जी फर्मों के खिलाफ एमजी रोड थाने ने एफआईआर भी दर्ज कर ली। वहीं अग्निबाण को एक और जानकारी यह हाथ लगी कि असलम की पत्नी और उसके फरार भाई ने लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपए का एक चलता हुआ पेट्रोल पम्प (petrol pump) भी कुछ समय पहले खरीदा, जिसमें लगभग 48 लाख रुपए से अधिक की राशि के चैक दिए गए और बाकी के 5 करोड़ रुपए की राशि 2 नम्बर में चुकाई गई। दूसरी तरफ 140 करोड़ रुपए तक यह महाघोटाला अब तक के खुलासे के चलते पहुंच गया है, जिसमें आने वाले दिनों में और भी वृद्धि होगी। अलफा सहित अब तक 16 फर्मों की जानकारी सामने आ चुकी है, तो दूसरी तरफ शासन द्वारा गठित की गई एसआईटी की मांग के अनुरूप लेखा शाखा 15 सालों का ब्योरा तैयार करने में भी जुटी है।


अभी दो दिन पहले भोपाल से यह विशेष जांच समिति यानी एसआईटी इंदौर पहुंची थी, जिसमें वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव अमित राठौर सहित अन्य सदस्य शामिल रहे। उन्होंने निगमायुक्त शिवम वर्मा से इस महाघोटाले से संबंधित कुछ जानकारी मांगी और जल्द ही अन्य दस्तावेज भेजने को कहा, जिसमें 2010 से लेकर अभी तक यानी 15 सालों में निगम खजाने से कुल कितना भुगतान किया गया उसका लेखा-जोखा मांगा है। कल ही अग्रिबाण ने अनुमान लगाया था कि 4 से 5 हजार करोड़ रुपए का भुगतान निगम ने इस अवधि में किया है। दूसरी तरफ जो फर्जी बिल महाघोटाला पकड़ाया, उसमें सुरसा के मुंह की तरह जहां फर्में बढ़ती गई तो घोटाले के आंकड़े में भी निरंतर वृद्धि हुई है। अग्निबाण ने भी तीन दिन पहले चर्चित बेलदार असलम खान के कनेक्शन की जानकारी दी थी, जिसके बाद पुलिस ने उसकी मां बिलकिस, भाई एजाज सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। कास्मो इंजीनियरिंग, डायमंड एसोसिएट और आरएस इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ ये एफआईआर दर्ज हुई। डीसीपी झोन-3 पंकज पांडे के मुताबिक इन आरोपियों से पूछताछ के अलावा अचल सम्पत्तियों की जानकारी भी निकाली जा रही है, वहीं निगम से भी जिन फर्मों की जानकारी सामने आई उनको कितना भुगतान हुआ यह भी पता लगाया जा रहा है। हालांकि पुलिस ने शुरुआत में 20 फाइलों की जांच शुरू की थी, जिसकी एफआईआर निगम ने ही दर्ज करवाई। उसके बाद गिरफ्त में आए आरोपियों से की गई पूछताछ और सामने आती गई जानकारियों के चलते फर्मों और आरोपियों की संख्या भी बढ़ गई। असलम खान और उसके परिवार ने जहां अशोका कॉलोनी में प्रॉपर्टी खरीदी, वहीं एक पेट्रोल पम्प भी लिया। बेटमा टोल के पहले झलारा गांव में श्रद्धा फिलिंग स्टेशन के नाम से यह पम्प लिया गया है, जिसकी कुल डील लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपए की बताई जाती है। अग्निबाण के पास इस पम्प की रजिस्ट्री की कॉपी भी है, जिसमें कैलाश पिता चोगालाल विक्रेता पक्ष और क्रेता पक्ष यानी खरीददार राहेला खान पति मोहम्मद असलम निवासी 136, अशोका कॉलोनी और मोहम्मद एहतेशाम खान पिता मोहम्मद अफजल निवासी 129, अशोका कॉलोनी है। ग्राम झलारा, पटवारी हलका नं. 34, तहसील देपालपुर के सर्वे नम्बर 260/2/2 रकबा 0.239 हेक्टेयर की जमीन पर बना यह पम्प खरीदा है। हालांकि रजिस्ट्री में मौके पर सिर्फ 500 स्क्वेयर फीट का एक कार्यालय निर्मित बताया गया है। यानी इसमें भी स्टाम्प ड्यूटी की चोरी की गई और शेष जमीन को खाली बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक यह डील लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपए में हुई है। चूंकि रजिस्ट्री गाइडलाइन वेल्यू पर ही होती है। लिहाजा इस पम्प और जमीन के बदले एक नम्बर में 48 लाख 68 हजार 812 रुपए का भुगतान किया गया। श्रीमती रेहला खान निगम के बर्खास्त बेलदार असलम की पत्नी है और मोहम्मद एहतेशाम उर्र्फ एजाज उसका सगा भाई है, जिसके खिलाफ अभी पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कर ली है। मजे की बात यह है कि पिछले दिनों पुलिस के पास एजाज खान गया और उसने इस महाघोटाले से अपनी लिप्तता होने से इनकार किया और मौसम व्यास, जो कि फरार है। उससे भी कोई संबंध होने से इनकार किया। जबकि पेट्रोल पम्प की जो रजिस्ट्री एजाज खान ने करवाई उसमें मौसम व्यास के बतौर गवाह, साइन और फोटो भी चस्पा है। यानी इससे यह भी साबित होता है कि मौसम व्यास असलम और एजाज का ही कर्मचारी है, जिसके नाम पर ईश्वर इंटरप्राइजेस फर्म बनाई गई और उसमें भी करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान हासिल कर लिया। इस सौदे में 5 चेक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक के दिए गए, जो कि 15 लाख से लेकर 4 लाख 34 हजार और 5 लाख रुपए की राशि के हैं। पुलिस के साथ-साथ नगर निगम का भी कहना है कि वह इन फर्मों और ठेकेदारों से करोड़ों रुपए की राशि की वसूली भी करेगा। अभी तक 16 फर्मों की जानकारी उजागर हो चुकी है, जिसमें एक फर्म अलफा का नाम भी सामने आया है। दूसरी तरफ महाघोटाले की राशि 140 करोड़ तक पहुंच गई है, जिसमें से 25 करोड़ रुपए की राशि को छोडक़र लगभग 115 करोड़ रुपए का भुगतान इन फर्मों को निगम खजाने से किया जा चुका है। अगर निगम की माली हालत अच्छी होती तो ये 25 करोड़ रुपए की राशि भी ठगोरे ठेकेदार लूट लेते। आने वाले दिनों में इस राशि में और इजाफा होगा, क्योंकि जो नई फर्में उजागर हो रही है उसको किए गए भुगतान की जानकारी भी निगम का लेखा विभाग जुटा रहा है, तो दूसरी तरफ शासन की जांच कमेटी ने 15 साल का जो रिकॉर्ड मांगा है उसका भी ब्योरा तैयार किया जा रहा है।

Share:

Next Post

Virat Kohli का करियर बनाने में इस खिलाड़ी का हाथ... सुनील गावस्कर ने दिया बड़ा बयान

Sat May 18 , 2024
नई दिल्ली: बेंगलुरू का लीग स्टेज में एक ही मैच बाकी है. उसका यह मुकाबला शनिवार को चेन्नई सुपरकिंग्स से होगा. शनिवार को होने वाले इस मुकाबले का नतीजा आते ही प्लेऑफ की चारों टीमें तय हो जाएंगी. कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद पहले ही क्वालीफाई कर चुकी है. अगर आरसीबी की टीम […]