इंदौर (Indore)। नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (Nepali Prime Minister Pushpa Kamal Dahal Prachanda) के आगमन के चलते जहां जगह-जगह यातायात रोका गया और लोगों को परेशानी हुई, वहीं पूरी सरकारी मशीनरी उनकी आवभगत में जुटी रही। यहां तक कि मुख्यमंत्री कल दो दफा इंदौर आए और आज सुबह भी इंदौर से रवानगी के वक्त मौजूद रहे। नेपाली प्रधानमंत्री कल एशिया के सबसे बड़े जैविक अपशिष्ट बायो सीएनजी प्लांट देखने भी देवगुराडिय़ा पहुंचे। वहीं पर नगर निगम ने परी गार्डन विकसित किया है, जहां पर उनके सत्कार के लिए विशेष सजावट की गई थी। मगर प्रोटोकॉल गफलत और आपसी तालमेल के अभाव के चलते वे परी गार्डन जाए बिना ही रवाना हो गए, तो दूसरी तरफ मंत्री, महापौर और आयुक्त उनका गार्डन में ही इंतजार करते रहे। यही स्थिति छप्पन दुकान पर भी बनी, जहां नेपाली प्रधानमंत्री नहीं पहुंचे और उनके स्वागत के लिए बिछाया रेड कारपेट हटाना पड़ा।
कल सुबह दिल्ली से इंदौर पहुंचे नेपाली प्रधानमंत्री का एयरपोर्ट पर तो भव्य स्वागत हुआ ही, उसके बाद वे उज्जैन बाबा महाकाल के दर्शन करने चले गए और वहां से इंदौर लौटकर चार बजे के बाद ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचे, जहां उन्होंने 2022 फरवरी में मोदी जी द्वारा लोकार्पित बायो सीएनजी प्लांट का अवलोकन किया। यहां पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और आयुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह ने स्वागत के साथ प्लांट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी, जिसके चलते इसी तरह का प्लांट नेपाल में लगाने की मंशा भी प्रधानमंत्री ने जाहिर की। उन्हें यह भी बताया कि प्लांट से निकलने वाली सीएनजी का उपयोग सिटी बसों में किया जाता है। सूखे कचरे के सेग्रीगेशन सेंटर को भी प्रधानमंत्री ने देखा। वहीं ट्रेंचिंग ग्राउंड में नगर निगम ने खूबसूरत परी गार्डन भी बनाया है,वहां पर भी नेपाली प्रधानमंत्री को ले जाने का प्रोग्राम था और उसके मुताबिक नगर निगम ने तैयारियां भी की। वहां पर प्रधानमंत्री से पौधारोपण भी करवाना था और स्वल्पाहार की व्यवस्था भी निगम ने कर रखी थी। मंत्री श्री सिलावट के साथ महापौर और निगमायुक्त परी गार्डन में नेपाली प्रधानमंत्री का इंतजार करते रहे और बाद में पता चला कि उनका काफिला सीएनजी प्लांट के अवलोकन के बाद होटल मैरिएट के लिए रवाना हो गया। नतीजतन कुएं के ढेर से गार्डन में तब्दील हुए स्थल को दिखाना रह गया और निगम की पूरी तैयारियां भी धरी रह गईं।
प्रधानमंत्री और उनकी बेटी के नाम पर नामपट्टिका भी बनवाई गई थी, लिहाजा फिर मंत्री और महापौर ने ही उनके नाम से ही पौधारोपण कर नामपट््िटका लगवाई। दरअसल अधिकारियों के आपसी तालमेल और प्रोटोकॉल गफलत के कारण यह स्थिति निर्मित हुई। इसी तरह छप्पन दुकान व्यापारी संघ ने भी नेपाली प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारी कर रखी थी और रेड कारपेट भी बिछाया और शाम को प्रधानमंत्री को यहां लाने का कार्यक्रम भी था और कुछ समय के लिए ट्रैफिक भी डायवर्ट किया गया। मगर बाद में पता चला कि वे यहां भी नहीं पहुंचे। लिहाजा उनके स्वागत के लिए बिछाई गई रेड कारपेट हटाई गई। रात को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रधानमंत्री के सम्मान में होटल मैरिएट में भोज दिया, जिसमें चुनिंदा लोग ही शामिल हुए। यह भी उल्लेखनीय है कि इंदौर की कम्पनी वर्ड डीलर्स प्रा.लि. को भाषांतरण की सेवाएं प्रदान करने का जिम्मा सौंपा गया। लिहाजा इस कम्पनी की एमडी विनिता राज कल इंदौर एयरपोर्ट पर नेपाली प्रधानमंत्री के आगमन से लेकर आज उनकी रवानगी तक लगातार उनके साथ भी रही और कम्पनी को जो भाषांतरण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी उसे उन्होंन बखूबी निभाया भी। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए रात्रिभोज में प्रधानमंत्री श्री प्रंचड ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कल की मुलाकात के दौरान कहना कि हम अपने रिश्तों को हिमालय जितनी ऊंचाई देने के लिए काम करते रहेंगे और इसी भावना से, हम सभी मुद्दों का, चाहे बाउंड्री का हो या कोई और विषय, सभी का समाधान करेंगे यह हमारे लिये खुशी और गर्व का विषय है। श्री प्रचंड ने कहा कि मेरा प्रधानमंत्री के रूप में भारत भ्रमण चौथी बार हो रहा है। इस बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के बीच जो सहमति हुई है, यह दूर तक जाने वाली सहमति है। कनेक्टीविटी, वॉटर रिसोर्स, ऊर्जा के क्षेत्र में जो सहमति बनी है, उसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे। मैं नेपाल जाकर नेपाली जनता को बताऊंगा कि भारत नेपाल के बीच संबंधों में नए इतिहास की शुरूआत हुई है। भारत नेपाल के संबंधों में नए आयाम जुड़े है। इसको मजबूत करना हम सबका कर्तव्य है। श्री प्रचंड ने कहा कि मध्यप्रदेश में जो गर्मजोशी से स्वागत हुआ है वह अविस्मरणीय है। भगवान महांकाल के दर्शन कर मेरा सपना साकार हुआ है।
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