प्राधिकरण ने टीपीएस-10 के साथ योजना 136 की अधूरी एमआर-2 सडक़ के लिए बुलवाए टेंडर, बायपास पर रैलिंग लगना भी जल्द होगी शुरू
इंदौर। प्राधिकरण (Authority) अपनी योजना ( Planning) टीपीएस-10 (TPS-10) में शामिल 550 एकड़ जमीन का सर्वे करवा रहा है, वहीं मास्टर प्लान (Master Plan) की 45 मीटर चौड़ी सडक़ों के साथ अंदरुनी सडक़ों का निर्माण भी शुरू कर रहा है, जिसके लिए 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे और टेंडर (Tender) प्रक्रिया शुरू कर दी है। ढाई करोड़ रुपए की राशि अधूरे पड़े एमआर-2 पर भी खर्च होगी। दूसरी बार इसके टेंडर बुलाए गए हैं। बायपास ( Bypass) पर रैलिंग लगाने का जिम्मा भी प्राधिकरण को मिला है, जिसका ठेका भी दे दिया है और आज संबंधित फर्म को सीईओ ने बुलाया है, ताकि रैलिंग लगाने का काम तय समयसीमा में पूरा हो सके। बायपास के दोनों तरफ 64 किलोमीटर लम्बाई में यह स्टील की मजबूत रैलिंग लगेगी, जिस पर लगभग 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्राधिकरण अधूरे प्रोजेक्टों को जहां पूरा करने में जुटा है, वहीं टीपीएस की योजनाओं में सडक़ों, सीवरेज, बिजली, इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े काम भी शुरू कराए जा रहे हैं।
एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्राधिकरण को नेशनल हाईवे अथॉरिटी (National Highway Authority) ने बायपास पर दोनों तरफ रैलिंग लगाने का भी सौंपा है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी (Collector Dr. Ilaiyaraaja T) ने कल ही प्राधिकरण सीईओ को निर्देश दिए कि बायपास पर रैलिंग लगाने का काम जल्द शुरू किया जाए, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। आज ही सीईओ ने रैलिंग लगाने वाली ठेकेदार फर्म को चर्चा के लिए बुलाया है और उससे जानकारी ली जाएगी कि सीमेंट और स्टील की फेब्रिकेटेड रैलिंग जो ड्राइंग-डिजाइन के हिसाब से तैयार करवाई गई है, वह उपलब्ध है अथवा नहीं और तय समयसीमा में किस तरह उसे लगाया जाएगा। बायपास की कुल लम्बाई 32 किलोमीटर है। चूंकि दोनों तरफ यह रैलिंग लगेगी, जिसके चलते 64 किलोमीटर में रैलिंग लगना है, वहीं प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा के मुताबिक सुपर कॉरिडोर पर घोषित टीपीएस-10 में सर्वे का कार्य भी शुरू करवाया जा रहा है। बड़ा बांगड़दा, पालाखेड़ी, टिगरिया बादशाह एवं लिम्बोदागारी में आवासीय और मार्ग उपयोग की यह योजना घोषित की गई है। अभी पिछली बोर्ड बैठक में ही टीपीएस-9 और 10 के लिए 500 करोड़ रुपए से अधिक के टेंडर बुलाए जाने की स्वीकृति दी थी। प्राधिकरण फिलहाल चार टीपीएस योजनाओं पर काम कर रहा है, वहीं टीपीएस-4 पर हाईकोर्ट का स्टे जारी है। टीपीएस-10 में 220 हेक्टेयर यानी 550 एकड़ जमीन शामिल है, जिसमें मास्टर प्लान की 45 मीटर चौड़ी सडक़ों के साथ 9 से 24 मीटर तक चौड़ाई की अंदरुनी सडक़ें भी हैं, वहीं स्टार्म वॉटर लाइन, विद्युतीकरण, प्लांटेशन, बगीचों की कम्पाउंड वॉल, ओवरहेड टैंक, सीवरेज सिस्टम, एसटीपी सहित बिजली कम्पनी के सबस्टेशनों का प्रावधान भी किया गया है।
चारों ओवरब्रिजों का निर्माण रात में भी जारी
प्राधिकरण का अंतर्राष्ट्रीय स्विमिंग पूल भी लगभग तैयार है और नायतामुंडला का आईएसबीटी और ऑडिटोरियम भी, जिसके लोकार्पण के प्रयास मुख्यमंत्री से कराने के चल रहे हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष राकेश गोलू शुक्ला के मुताबिक लगातार सभी प्रोजेक्टों की समीक्षा की जा रही है और जो चारों निर्माणाधीन ओवरब्रिज हैं, उनमें रात में भी काम चल रहा है। खजराना, लवकुश चौराहा, फूटी कोठी और भंवरकुआं पर अधिकांश बाधाएं भी दूर कर ली गई हैं, ताकि तय समयसीमा में इन ओवरब्रिजों का निर्माण भी किया जा सके, जिससे यातायात सुगम हो जाएगा। बारिश के बावजूद निर्माण कार्यों में कहीं कोई दिक्कत नहीं आने दी जा रही है।
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